बांग्लादेश में इस्लामिक पार्टी के शीर्ष नेता को उम्रकैद

बांग्लादेश के विशेष ट्रिब्यूनल कोर्ट ने मंगलवार को कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी [जेआइ] पार्टी के शीर्ष नेता अब्दुल कादर मुल्ला को उम्रकैद की सजा सुनाई। यह सजा 1971 में स्वतंत्रता के संघर्ष को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध के लिए दी गई है।

तीन सदस्यीय अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष अब्दुल हसन ने यह सजा सुनाई। सुनवाई के दौरान 65 वर्षीय मुल्ला पर लगे छह में पांच आरोप सही साबित हुए। इससे पहले मुल्ला को कड़ी सुरक्षा में अदालत लाया गया। फैसला आने के बाद जेआइ कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच राजधानी के कई हिस्से में हुई झड़प में कई लोग घायल हो गए। पिछले तीन सप्ताह में यह दूसरा मौका है जब ट्रिब्यूनल ने इस मामले में फैसला सुनाया है।

गत 17 जनवरी को निजी चैनल पर इस्लामिक कार्यक्रम के प्रस्तोता भगोड़े अबुल कलाम आजाद को ट्रिब्यूनल ने मौत की सजा सुनाई थी। उसे जेआइ से निष्कासित किया गया था। मुल्ला को उसकेपार्टी के एक अन्य नेता मुहम्मद कमरुजमान के साथ 13 जुलाई, 2010 को गिरफ्तार किया गया था। ट्रिब्यूनल ने पिछले साल 28 मई को उसे आरोपित किया था, जिसमें निहत्थे नागरिकों पर हमला करवाने का आरोप भी शामिल था। यह फैसला ऐसे समय आया है जब जेआइ ने 1971 के युद्ध अपराध को लेकर अपने सात शीर्ष नेताओं के खिलाफ मामले की सुनवाई रोकने की मांग करते हुए अनिश्चित काल के लिए देशव्यापी हड़ताल करने की धमकी दी है। जेआइ ने 1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश की स्वतंत्रता का विरोध किया था और पाकिस्तानी सेना का साथ दिया था।

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