पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हमले थमने का नाम नहीं ले रहे। अशांत बलूचिस्तान प्रांत में अज्ञात बंदूकधारियों ने तीन हिंदू व्यापारियों का अपहरण कर लिया है। हिंदुओं के खिलाफ अपराध का यह ताजा मामला है।
प्रांतीय राजधानी क्वेटा से करीब 140 किमी दूर से शुक्रवार रात दिनेश कुमार, रीतेश कुमार और रतन कुमार को अगवा किया गया। तीनों एक ही परिवार से ताल्लुक रखते हैं।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक इस घटना ने स्थानीय लोगों की सुरक्षा करने में असफल रहने पर सरकार विरोधी आंदोलन को हवा दे दी है। हिंदू पंचायत के आह्वान पर हुई हड़ताल को शहरी एक्शन कमेटी, ट्रेडर यूनियन और प्रमुख राजनीतिक दलों का समर्थन मिला है। पारिवारिक कार्यक्रम से घर लौटते समय इन व्यापारियों को अगवा किया गया।
प्रांत के एक अधिकारी अब्दुल रहीम ने बताया कि कलात जिले में हाइवे पर इनकी वैन को अज्ञात लोगों ने रोक लिया और बंदूक के दम पर इनका अपहरण कर लिया। अपहरणकर्ताओं ने अपह्त लोगों के रिश्तेदारों से अब तक संपर्क नहीं किया है। रहीम ने कहा कि यह फिरौती के लिए अपहरण का मामला हो सकता है।
उधर, रतन कुमार के भाई मुकेश कुमार ने आश्वस्त होकर कहा है कि यह अपहरण फिरौती के लिए ही किया गया है। उसने बताया कि परिवार की महिलाएं वाहन में ही थीं। शाम पांच बजे खुजदार से ये लोग चले थे और करीब एक घंटे बाद उनका अपहरण हो गया।
मुकेश ने बताया कि अपहरणकर्ताओं ने ड्राइवर को वैन से बाहर निकाल दिया और खुद गाड़ी चलाकर ले गए थे। बाद में सुराब क्षेत्र से वैन बरामद हुई। घटना के विरोध में शनिवार को कलात में दुकानें बंद रहीं और लोगों ने हड़ताल रखा।
हिंदुओं ने कई सड़कों को जाम किया तथा सरकार एवं पुलिस विरोधी नारे लगाए। क्वेटा-कराची हाइवे करीब पांच घंटे तक बाधित रहा, नाटो आपूर्ति वाहनों को भी बाधा हुई। बता दें कि इसी क्षेत्र से ऐतिहासिक काली मंदिर के पुजारी का अपहरण हुआ था, बाद में 80 लाख रुपये की फिरौती पर उन्हें छोड़ा गया था।