पाकिस्तान: ‘बेहतर होता वो मेरा गला काट देता’

पाकिस्तान की अल्लाह रखी को 32 साल बाद नया जीवन मिला है.

अल्लाह रखी की नाक उनके पति ने ही काट दी थी जिसे अब सर्जरी के ज़रिए ठीक किया गया है.

कटी हुई नाक के साथ अल्लाह रखी का जीवन नरक था और उसने अपने जीवन के बत्तीस साल चेहरा छुपाकर बिताए हैं.

उन्हें आज भी वो दिन याद है. पंजाब के हरे भरे खेतों में दो बच्चों की मां अल्लाह रखी दौड़ती हुई भाग रही थीं. अल्लाह रखी को फिर से उनके पति गुलाम अब्बास ने पीटा था.

अल्लाह रखी अपने गांव थट्टा पीर के कोने पर पहुंची ही थी कि पीछे से उनके पति ने उन्हें पकड़ लिया. कुछ ही मिनटों में धरती लाल हो चुकी थी. गुलाम ने अल्लाह रखी की नाक काट डाली थी.

अल्लाह रखी बताती हैं, ‘‘उसने मुझे पकड़ा और कहा कि बात सुनो. मैंने कहा कि मैं तंग आ चुकी हूं मार खाते खाते. अब मैं अपने मां बाप के पास जा रही हूं. फिर उसने मुझे गिरा दिया. मेरी छाती पर बैठ गया और जेब से ब्लेड निकाली. पहले उसने मेरा नाट काटा. खून मेरी आंखों में घुस आया था. फिर उसने मेरी एड़ियां काट दीं ताकि मैं भाग न सकूं.’’

खून से सनी हुई अल्लाह रखी को उठा कर घर लाया गया ताकि वो पुलिस में शिकायत भी न कर सके.

सज़ा और तलाक

बाद में मामला पुलिस तक गया और गुलाम अब्बास को गिरफ्तार किया गया और छह महीने वो जेल में भी रहा. बाद में अल्लाह रखी अपने दो बच्चों की खातिर गुलाम को जेल से छुड़ा लाई.

लेकिन गुलाम ने जेल से बाहर निकलते ही अल्लाह रखी को तलाक दे दिया और फिर शुरु हुई नरक वाली ज़िंदगी. अल्लाह रखी को एक कमरे में बंद ज़िंदगी बितानी पड़ी जहां दर्पण उनका सबसे बड़ा दुश्मन था.

वो अपना चेहरा छुपाती रहीं अपने बच्चों से भी. वो कहती हैं, ‘‘ अच्छा होता कि वो मेरा गला ही काट देता, नाक काटने की बजाय.’’

वो बताती हैं कि पिछले कई साल उन्होंने अपना चेहरा कपड़ों से छुपा कर बिताए हैं.

वो कहती हैं, ‘‘ अपना चेहरा बुर्के और कपड़ों में छिपाकर मैंने 32 साल बिताए हैं. मैं वो कपड़ा हटाती नहीं थी क्योंकि मुझे खुद को देखना अच्छा नहीं लगता था. मैं शादियों में, या किसी और समारोह में जा नहीं पाती थी.’’

अल्लाह रखी बताती हैं, ‘‘ अगर कोई छोटा बच्चा मुझे देखता था तो डर जाता था. मुझे लगता था कि मैं कोई लाश हूं.’’

अब अल्लाह रखी अपने सर पर एक स्कार्फ रखती हैं लेकिन अब उन्हें चेहरा छुपाने की ज़रुरत नहीं है.

अब वो दादी बन चुकी हैं. वो मुस्कुराती हैं लेकिन उनके चेहरे पर एक लंबा निशान है कटे का जो उनके नए नाक से सर तक जाता है.

पाकिस्तान के जाने माने डॉक्टर प्रोफेसर हामिद हसन ने मार्च के महीने में अल्लाह रखी का आपरेशन किया है. अल्लाह रखी की शारीरिक चोट और मानसिक प्रताड़ना कम हो रही है लेकिन उनका कष्ट अभी खत्म नहीं हुआ है.

वो अब फिर से उसी व्यक्ति यानी गुलाम अब्बास के साथ रह रही हैं जिन्होंने उन पर ये अत्याचार किया है.

जब मैंने गुलाम अब्बास से इस बारे में पूछा तो उनके जवाब भावहीन थे. उनका कहना था, ‘‘ अब मैं इस बारे में क्या कह सकता हूं. आप न पूछें तो अच्छा होगा.सब उसकी ग़लती है.जो हुआ उसके अपराधों के कारण हुआ है. बिना वजह नहीं हुआ है ये सब.’’

हालांकि गुलाम अब्बास ये नहीं बताते कि अल्लाह रखी ने क्या अपराध किया है.

अल्लाह रखी अपने पति के जवाब सुनती हैं लेकिन कुछ कहती नहीं. वो बस इतना कहती हैं, ‘‘ मैंने कभी उनके लिए सज़ा नहीं मांगी. मैंने ये काम अल्लाह के लिए छोड़ दिया है.’’

अल्लाह रखी का ध्यान अपने बेटे पर है जो पास में ही मज़दूरी कर रहा है जिसके प्यार में वो वापस आई हैं.

अल्लाह रखी कहती हैं, ‘‘ मेरा बेटा अज़हर चाहता था कि मैं आ जाऊं. यहां रहना बहुत दर्द देता है. मैं हर क्षण मरती हूं.लेकिन बच्चे के लिए आई हूं. जब मैं अपने बेटे को और पोतों को देखती हूं तो सब भूल जाती हूं.’’

लेकिन अल्लाह रखी अब भी खतरे में है. वो कहती हैं कि वो जब से वापस आई हैं गुलाम अब्बास उन्हें परेशान कर रहे हैं.

वो कहती हैं, ‘‘गुलाम कहते हैं कि या तो मैं उनकी पत्नी की तरह रहूं या वो मुझे फिर से निकाल देंगे.मैं मर जाऊंगी लेकिन कभी भी उनकी पत्नी की तरह नहीं रहूंगी.’’

पाकिस्तान के कई इलाक़ों में अभी भी पुरुष ही महिलाओं के लिए नियम कानून बनाते हैं और ये क़ानून टूटने पर महिलाओं को कड़ी सज़ा दी जाती है. पिछले साल इज्ज़त के नाम पर 900 महिलाओं की हत्या हुई थी जबकि कुछ महिलाओं के नाक कान काटे गए थे.

थट्टा पीर में अब शाम हो गई है. अल्लाह रखी को अल्लाह पर भरोसा है क्योंकि अब वो अल्लाह को अपना चेहरा दिखा सकती हैं और उनकी नई योजना है अपना नया नाक छिदवाने की.

 

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