ओलंपिक: ‘अजनबी’ महिला ने माफी मांगी

मधुरा नागेन्द्र ने कहा कि उनसे ‘फैसला लेने में ग़लती’ हो गई.

ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में मार्चपास्ट के दौरान भारतीय दल में ध्वजवाहक सुशील कुमार के साथ नज़र आईं महिला, मधुरा नागेंद्र ने माफी मांगी है.

मधुरा ने कहा कि दल के साथ मार्चपास्ट में चलना ‘एक गलत फ़ैसला’ था.

टेलीविज़न समाचार चैनल ‘एनडीटीवी’ से बातचीत में उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि वो एक ‘कास्ट मेम्बर’ थीं और वो बिना अनुमति वहां नहीं गई थीं.

भारतीय अधिकारी मधुरा के मार्चपास्ट में हिस्सा लेने से नाराज़ थे और उन्होंने माफी की मांग की थी.

‘मुझे कुछ ठीक से समझ नहीं आया’

मधुरा ने कहा, “मैं खिलाड़ियों के साथ चल पड़ी, ये एक ग़लत फ़ैसला था, मेरे ख्याल से मैंने कई लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, मैं उनसे माफ़ी मांगती हूं.”

उन्होंने कहा, “चारों तरफ इतना कुछ हो रहा था, हज़ारों लोग चल रहे थे, मुझे कुछ ठीक से समझ नहीं आया और नतीजतन मैंने ग़लत फैसला ले लिया.”

हालांकि मधुरा ने ये भी कहा कि सोशल मीडिया पर हो रही उनकी आलोचना से वो ‘आहत’ हैं.

उन्होंने कहा, “मेरे अंदर बहुत उत्साह है और अपने देश पर गर्व भी, इतनी आलोचना से मुझे धक्का लगा है, मैं आशा करती हूं कि इस घटना को माफ कर दिया जाएगा और मैं आगे बढ़ना चाहती हूं.”

लंदन ओलंपिक की आयोजन समिति के प्रमुख लॉर्ड को ने कहा कि वे एक ‘कास्ट मेम्बर’ थी जो उत्तेजित होकर समारोह में शामिल हों गई.

इस घटना के बाद लालशर्ट और नीली पेंट में ध्वज वाहक सुशील कुमार के साथ चलीं मधुरा ‘वुमेन इन रेड’ यानि लाल कपड़ों वाली महिला के नाम से मशहूर हो गईं थी.

 

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