नवाज की पीएमएल-एन ने किया पाक फतह, इमरान को पछाड़ा

pmln-nawaz-sharif-is-pakistans-next-pmइस्लामाबाद। पाकिस्तान के 66 साल के इतिहास में पहली बार लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता हस्तांतरण के लिए शनिवार को हुए मतदान के बाद शुरू हुई मतगणना में नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभर कर सामने आई है। वहीं इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने हार स्वीकार कर ली है। हालांकि इस चुनाव में उनकी पार्टी दूसरे नंबर पर रही है। नवाज शरीफ का तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना भी अब तय हो गया है। भारत की ओर से नवाज शरीफ को उनकी जीत पर बधाई दी गई है।

देर रात आए नतीजों में सरगोधा से नवाज शरीफ और पेशावर से इमरान खान की जीत पर मुहर लग गई है, जबकि पूर्व प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ चुनाव हार गए हैं। जीत से उत्साहित नवाज शरीफ ने देर रात अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए इस जीत को उनकी जीत बताया। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में हमें जो कामयाबी मिली है, उसमें सभी की भागीदारी है। हम अपने देश के लिए काम करेंगे। हमें जिसने भी भला-बुरा कहा है, हम सबको माफ करते हैं।’ रविवार शाम तक सभी रिजल्ट सामने आ जाएंगे।

उधर, चुनाव प्रचार की तरह मतदान के दिन भी तालिबान आतंकवादियों ने जमकर हिंसा की। कराची, क्वेटा और पेशावर में हुए धमाकों में 32 की मौत हुई, जबकि 200 से ज्यादा घायल हुए हैं। मतगणना रुझानों के अनुसार नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) आगे चल रही है। देर रात तक 250 सीटों के मिल रहे रुझान के अनुसार पीएमएल-एन 125, इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) 37 और पीपीपी 35 सीटों पर आगे थी। इसके अलावा 24 सीटों पर निर्दलीय आगे चल रहे थे। जेयूआइ-एफ के उम्मीदवार 10 सीटों पर बढ़त बनाए हुए थे। जबकि मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट यानी एमक्यूएम आठ स्थानों पर आगे थी।

पाकिस्तान की 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली के 272 सीटों के लिए शनिवार को मतदान हुआ। बाकी 70 सीटें महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं, जिन पर मनोनयन किया जाएगा। चुनाव में प्रदर्शन के आधार पर पार्टियों को इन सीटों के लिए नामांकन करना होता है। 272 में साधारण बहुमत के लिए 137 सीटों की जरूरत होती है, जबकि कुल 342 सदस्यीय असेंबली में बहुमत के लिए 172 सीटों की। लोगों ने नेशनल असेंबली के साथ चार प्रांतीय असेंबली की 728 सीटों के लिए भी वोट डाला। तालिबान की धमकी से बेखौफ मतदाताओं ने चुनावों में जमकर हिस्सा लिया।

वोटरों की भारी भीड़ को देखते हुए निर्वाचन आयोग को कई जगह वोटिंग का समय शाम पांच बजे से बढ़ाकर छह बजे तक करना पड़ा। आयोग के अधिकारियों के अनुसार करीब साढ़े आठ करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में लगभग साठ फीसद ने मताधिकार का प्रयोग किया। हालांकि, निष्पक्ष चुनाव कराने के निर्वाचन आयोग के दावे पीपीपी के गढ़ कराची में खोखले साबित हुए। आयोग ने यहां हाथ खड़े करते हुए कहा कि वह कराची में स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कराने में नाकामयाब रहा। शनिवार को मतदान के फौरन बाद मतगणना का काम शुरू हो गया।

चुनाव परिणामों से उत्साहित पीएमएल-एन कार्यकर्ताओं ने जीत का जश्न मनाना शुरू कर दिया है। जबकि सत्ताधारी पीपीपी के खेमे में मायूसी छाई हुई है। वहीं कुछ जगहों पर दोनों पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच तीखी झड़प भी हुई है।

राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने इस चुनाव में पोस्टल बैलेट के जरिये मतदान किया। इनके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ और सेना प्रमुख अशफाक परवेज कियानी ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया। नेशनल असेंबली की 272 सीटों के लिए 4670 उम्मीदवार मैदान में थे। इसके लिए सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए थे। देश भर में 75 हजार सुरक्षाकर्मियों को चुनाव ड्यूटी में लगाया गया था। वहीं, धांधली का आरोप लगाते हुए जमात-ए-इस्लामी ने शनिवार को कराची और हैदराबाद में अपने प्रत्याशियों को चुनाव प्रक्रिया से हटाकर विरोध दर्ज कराया।

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