ओबामा प्रशासन ने माना, ड्रोन हमलों में मारे गए चार अमेरिकी

americans-killed-in-us-drone-strikes-since-2009-holderवाशिंगटन। अपनी पुरानी नीति में बदलाव लाते हुए ओबामा प्रशासन ने पहली बार स्वीकार किया कि 2009 से पाकिस्तान और यमन में सीआइए द्वारा संचालित ड्रोन हमलों में चार अमेरिकी नागरिक मारे गए।

अमेरिका में जन्मे अलकायदा आतंकी अलवर अल अवलाकी के यमन में मारे जाने की खबर सर्वविदित है। जबकि तीन अन्य लोगों के नाम का खुलासा अटार्नी जनरल एरिक होल्डर ने सीनेट की न्यायिक समिति के अध्यक्ष पैट्रिक लियाही को भेजे खत में किया है। यह रहस्योद्घाटन ऐसे समय हुआ है जब अपनी विवादास्पद नीतियों की आलोचना के चलते राष्ट्रपति बराक ओबामा राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर भाषण देने वाले हैं। इसमें उनके द्वारा आतंकवाद निरोधक नीति में ज्यादा पारदर्शिता बरतने को लेकर प्रतिबद्धता जताने की उम्मीद है।

होल्डर ने बताया कि अमेरिका ने 2009 से अलकायदा और उसके सहयोगी संगठनों के खिलाफ आतंकवाद निरोधक अभियान चलाया। उसने खास तौर पर अवलाकी को निशाना बनाया। इसी समयांतराल में तीन अमेरिकी नागरिकों समीर खान, अवलाकी के16 वर्षीय बेटे अबद अल रहमान और जूड केनन मुहम्मद के ड्रोन हमलों में मारे जाने की जानकारी अमेरिका के पास थी। मगर इन तीनों को खास तौर पर निशाना नहीं बनाया गया था।

अमेरिकी अधिकारी इस बात पर कायम रहे कि ड्रोन हमलों में अलकायदा और तालिबान के आतंकियों को निशाना बनाया जाता है। 22 मई को भेजे पांच पन्नों के खत में होल्डर ने कहा यह दुर्भाग्यपूर्ण, लेकिन अविवादित तथ्य है कि कुछ अमेरिकी नागरिकों ने विदेश से अपने ही देश पर हमला करने का फैसला किया। अपनी कार्रवाई का बचाव करते हुए उन्होंने कहा, कई पीढ़ी पुराने कानूनी सिद्धांतों, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसलों और वर्तमान संघर्ष को देखते हुए यह स्पष्ट है कि सिर्फ अमेरिकी नागरिकता रखने के आधार पर किसी को बख्शा नहीं जा सकता। अमेरिका अवलाकी को अपनी आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा मानता था। उसने उसे वैश्विक आतंकी घोषित कर रखा था।

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