तीसरी बार पीएम बनकर शरीफ ने रचा इतिहास

pmln-nawaz-sharif-is-pakistans-next-pmइस्लामाबाद। 14 साल पहले सैन्य तख्तापलट के जरिए सत्ता से बेदखल किए गए पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ ने बुधवार को इतिहास रच दिया। लोकतांत्रिक सत्ता परिवर्तन के साथ रिकॉर्ड तीसरी बार उन्होंने देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।

भारत के साथ संबंधों को सुधारने की बात करने वाले शरीफ के भाषण से यह मुद्दा नदारद रहा। हालांकि देशवासियों को जरूर चेताया कि वह उनसे जल्द सुधार या ऐसे वादों की उम्मीद न करें जो यर्थाथवादी न हो। उन्होंने देश की राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के लिए सभी पार्टियों से सहयोग करने का आह्वान किया।

स्टील व्यापारी से पीएम बनने तक का सफर

63 वर्षीय शरीफ को बुधवार को संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली में औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री चुना गया। 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में उन्हें भारी बहुमत से चुना गया। उनके पक्ष में 244 मत पड़े। जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी [पीपीपी] के उम्मीदवार मखदूम अमीन को 42 और तहरीक-ए-इंसाफ के जावेद हाश्मी को 31 वोट मिले। चुनाव के परिणाम की घोषणा स्पीकर अयाज सादिक ने की।

चयन के बाद शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान कई गंभीर समस्याओं का सामना कर रहा है जिसे सिर्फ एक राजनीतिक दल द्वारा हल नहीं किया जा सकता। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होना होगा। पंजाब के शेर कहे जाने वाले शरीफ ने कहा कि उन्होंने और उनके सहयोगियों ने पाकिस्तान की समस्याओं को हल करने के लिए कार्ययोजना तैयार की है। इसके बारे में वह जल्द ही जनता को बताएंगे। उन्होंने कहा, ‘देश की आर्थिक हालत बेहद खराब है और मैं कोई सपने नहीं दिखाऊंगा।’ साथ ही कहा कि न तो वह आराम से बैठेंगे न ही अपनी टीम को बैठने देंगे।

विदेश नीति पर चुप्पी साधी

शरीफ ने अपने भाषण में भारत के साथ संबंध समेत विदेश नीति मुद्दे पर कोई बात नहीं की। यद्यपि यह जरूर कहा कि देश के कबायली क्षेत्र में अमेरिकी ड्रोन हमले बंद होने चाहिए।

पीपीपी सरकार की प्रशंसा की

शरीफ ने पूर्ववर्ती पीपीपी सरकार द्वारा अरब सागर स्थित सामरिक महत्व के ग्वादर बंदरगाह का नियमन चीनी कंपनी को सौंपने की तारीफ की। उन्होंने कहा कि वह और चीनी प्रधानमंत्री ली कछ्यांग सहयोग बढ़ाने के लिए टॉस्क फोर्स का गठन करने के लिए सहमत हो गए हैं। इसमें व्यापार के लिए सड़क और रेलवे प्रणाली बनाना भी शामिल है।

शांति वार्ता पर नहीं बोले

नए प्रधानमंत्री ने यह नहीं बताया कि उनकी सरकार प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और अन्य आतंकी संगठनों से कैसे निपटेगी। पिछले दिनों शरीफ ने तालिबान के साथ शांति वार्ता की बात कही थी। मगर तालिबान के दो नंबर के नेता वलीउर रहमान के हालिया अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे जाने के बाद संगठन ने शांति वार्ता से इन्कार कर दिया है।

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