अमेरिका स्नोडेन के प्रत्यर्पण को रूस पर बढ़ा रहा दबाव

27_06_2013-26snowden1वाशिंगटन। अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआइए) के गोपनीय निगरानी कार्यक्रम प्रिज्म की जानकारी लीक करने वाले सीआइए के पूर्व कर्मचारी एडवर्ड स्नोडेन को प्रत्यर्पित कराने के लिए ओबामा प्रशासन रूस पर दबाव बढ़ा रहा है। अमेरिका ने रूस से स्नोडेन को तत्काल प्रत्यर्पित करने को कहा है। पुतिन ने मंगलवार को स्नोडेन को अमेरिका को सौंपने से इन्कार के अपने फैसले से पीछे हटने से मना कर दिया था। इस बीच, स्नोडेन चार दिन से मास्को हवाई अड्डे पर ही अटके हैं।

अमेरिका अन्य देशों पर भी दबाव बना रहा है कि स्नोडेन को अपनी जमीन पर उतरने की अनुमति न दें या पहुंचते ही गिरफ्तार कर लें। रूस के विदेश मंत्री ने पुतिन के बयान को दोहराते हुए कहा कि स्नोडेन किसी जगह का चयन कर जल्द से जल्द मास्को से निकल सकते हैं। हालांकि, इक्वाडोर के विदेश मंत्री ने कहा कि स्नोडेन को शरण देने या नहीं देने का फैसला लेने में उन्हें दो महीने लग सकते हैं। उन्होंने कहा कि असांजे के मामले में फैसला लेने में हमें दो महीने लगे थे। इसलिए स्नोडेन के मामले में जल्दी की उम्मीद न की जाए।

एनएसए के प्रवक्ता कैटलिन हेडेन ने कहा कि पुतिन भी इस बात से सहमत हैं कि इस मुद्दे का द्विपक्षीय संबंधों पर नकारात्मक असर नहीं पड़ना चाहिए। रूस के साथ प्रत्यर्पण संधि न होने के बावजूद यात्रा दस्तावेजों और लंबित आरोपों के आधार पर स्नोडेन को निष्कासित करने का कानूनी आधार है। पुतिन ने कहा था कि वह मास्को की पहुंच से बाहर है क्योंकि उसने आव्रजन सीमा पार नहीं की है और तकनीकी रूप से वह रूस की सीमा में नहीं है।

इस बीच, ओबामा प्रशासन ने कहा है कि रूस स्नोडेन को तत्काल अमेरिका को प्रत्यर्पित करे। राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ अफ्रीका दौरे पर गए व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्ने ने कहा कि स्नोडेन रूस के हवाई अड्डे पर है। हम समझ गए हैं कि उसने मास्को को ही यात्रा के लिए क्यों चुना। रूस को चुनने से विवाद खड़ा होना ही था, जिस पर वहां की सरकार को विचार करना ही होगा। हम विवाद को बढ़ाना नहीं चाहते।

अमेरिका की धमकी से बीजिंग-रूस आएंगे करीब

मास्को। एडवर्ड स्नोडेन को निष्कासित करने के लिए रूस और चीन पर दबाव बनाने से कुछ नहीं होगा। उल्टा मास्को और बीजिंग के बीच संबंध मजबूत होंगे। संसद के निचले सदन की विदेश मामलों की समिति के मुखिया एलेक्सी पुशकोव ने ट्वीट में लिखा कि इस मामले में अमेरिका द्वारा बनाए जा रहे दबाव से वाशिंगटन, मास्को और बीजिंग के संबंध बिगड़ सकते हैं। उनकी यह टिप्पणी विदेश मंत्री सेरेगी लावरोव के बयान के बाद आई है। उन्होंने कहा था कि स्नोडेन की यात्रा से रूस का कोई लेना-देना नहीं है।

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