काठमांडू में हुआ अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समारोह का आयोजन

समारोह में आशा पाण्डेय ओझा को स्व हरीशंकर पाण्डेय साहित्य भूषण सम्मान से सम्मानित किया
समारोह में आशा पाण्डेय ओझा को स्व हरीशंकर पाण्डेय साहित्य भूषण सम्मान से सम्मानित किया

काठमांडू /  नेपाल में८ से ११जून तक हुआ अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समारोह का आयोजन अखिल भारतीय साहित्य कला मंच मुरादाबाद द्वारा आयोजित 27 वी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी संगोष्ठी में अमेरिका नार्वे,नेपाल यू के सिंगापूर मौरिशस भारत  सहित कुल115 शिक्षाविदों,आचार्यों प्रचार्यों  साहित्यकारों ने भाग लिया शंकर होटल के विशाल सभागार में दिनांक 9 जून  ठीक 9:00 बजे प्रातः अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारम्भ डॉ महाश्वेता चतुर्वेदी (बरेली)की सरस्वती वन्दना के साथ हुआ कु सुरम्या शर्मा ने कत्थक नृत्य में गणेश वंदना प्रस्तुत की !डॉ विनय पाठक (छत्तीसगढ़) ने हिन्दी की दशा, दिशा एवं अन्र्तराष्ट्रीय महत्व पर अपना बीज वक्तव्य प्रस्तुत किया तथा हिन्दी की भावी विश्व के निर्माण में बहुआयामी भूमिका को इंगित किया। समारोह में नाथद्वारा राजस्थान से आशा पाण्डेय ओझा ने राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया.. समारोह में कुल ५० शोध पत्र शामील हुवे  आशा पाण्डेय  ने हिंदी के उन्नयन विकास में प्रवासी साहित्यकारों का अवदान पर अपना पत्र प्रस्तुत किया इन सभी आलेखों का पूर्व में संकलन कर  कार्यक्रमके संयोजक साहित्य कला मंच के अध्यक्ष डॉ महेश दिवाकर जी द्वारा पुस्तक का सम्पदान भी कर लिया गया  हिंदी का वैश्विक परिदृश्य  नाम की इस पुस्तक का इसी समारोह में विमोचन भी हुआ वंही आशा पाण्डेय ओझा द्वारा सम्पादित 296 पृष्ठ की पुस्तक  त्रिसुगंधि जिसमे  दुनिया भर के हिंदी के 134 लेखकों को लेकर गीत, ग़ज़ल ,कविता संग्रह का संकलन किया गया  समारोह में देश विदेश के कुल २५ हिंदी लेखकों की पुस्तकों व पत्र पत्रिकाओं का विमोचन हुआ !

944418_534525243277195_1032076546_n (1)समारोह में आशा पाण्डेय ओझा को स्व हरीशंकर पाण्डेय साहित्य भूषण सम्मान से सम्मानित किया शाम के सत्र का आगाज भी आशा पाण्डेय की सरस्वती वंदना से हुआ दूसरे दिन कविता सत्र में आशा पाण्डेय ने क कविता पाठ कर सुधि श्रोताओं की वाह वाही लूटी अतिथि प्रो आर. के. मित्तल ने अमेरिका से पधारे महान हिन्दी सेवी डॉñ मेजर शेर बहादुर सिंह, सिंगापुर की डॉñ सावित्री वशिष्ठ, इंग्लैण्ड की डॉ जयवर्मा, श्री शरद आलोक (नार्वे), नैपाल में भारत के राजदूत श्री जयन्त प्रसाद, त्रिभुवन विश्व विद्यालय, नेपाल के कुलपति प्रोफेसर हीराबहादुर महाराजन और विशिष्ट अतिथि श्री गोविन्द राम अग्रवाल (नैपाल) डॉñ आनन्द सुमन सिंह (उत्तराखण्ड) डॉ मिर्जा हासम बेग डॉ लक्ष्मी खन्ना सुमन  डॉ मीना कौल डॉ महाश्वेता, डॉ रवि शर्मा मधुप डॉ गिरिराज शरण अग्रवाल,,डॉ ओम प्रकाश सिंह,डॉ राम भारतीय,डॉ अजय जन्मजेय,डॉ विनय पाठक आदि सभी साहित्यकारों ने  हिन्दी को अंतर्राष्ट्रीय भाषा बनाने व भारत नेपाल संबधों एवं हिंदी के विकास की संभावनाओं व साहित्य धर्मिता पर अपने विचार प्रस्तुत किये।
‘हिन्दी का वैश्विक परिदृश्य’ शीर्षक पुस्तक में उन लेखों  को प्रकाशित किया गया था जो यहाँ पढ़े और प्रस्तुत किये गये थे।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ महेश दिवाकर थे।  मीडिया प्रभारी डॉ मयंक पवार थे  तीन दिन तक चली इस संगोष्ठी व ६ सत्रों में  100 से ज्यादा साहित्यकारों ने  विभिन्न विधाओं में अपनी रचनाएँ प्रस्तुत की

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