मांगते रहे कांग्रेस से टिकट, न मिला तो भाजपा में आ गए दुष्यंत सिंह

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कांग्रेस के पूर्व मंत्री राव मसूदा नारायण सिंह के पुत्र एवं पूर्व पीसीसी सदस्य दुष्यंत सिंह आखिरकार कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए। असल में पिछले चार-पांच विधानसभा चुनावों में हर बार कांग्रेस टिकट मांगते रहे हैं। इसके लिए अपने जयपुर-दिल्ली के अपने तगड़े संपर्कों का भी इस्तेमाल करते रहे, मगर टिकट की जुगाड़ कभी बैठा ही नहीं। जिले की सभी विधानसभा सीटों के जातीय समीकरणों में उलझे होने के कारण उनके लिए कभी गुंजाइश बनी ही नहीं। वैचारिक रूप से भाजपा की ओर तनिक अधिक झुकाव रखने वाले राजपूत समाज का होने के कारण भी उन्हें कई बार कांग्रेस में घुटन महसूस होती थी। संपन्न पारिवारिक पृष्ठभूमि के चलते हाई प्रोफाइल जिंदगी जीने के कारण भी उन्हें रफटफ कांग्रेसी राजनीतिज्ञों के बीच दिक्कत महसूस होती थी। कानाफूसी है कि धरातल का सच समझते हुए ही उन्होंने भाजपा में शामिल होने का निर्णय किया है। अब उम्मीद की जानी चाहिए कि वे अगली बार पूरी ताकत से भाजपा का टिकट हासिल करने की कोशिश करेंगे।
आपको बता दें कि उनके पिता राव नारायण सिंह मसूदा 1952 में अजमेर विधानसभा में निर्दलीय निर्वाचित हुए और विपक्षी नेता की भूमिका अदा की। 1956 में कांग्रेस के सदस्य बने और 1962 में मसूदा से राजस्थान विधानसभा के उपाध्यक्ष बने। 1967 से 73 तक अनेक विभागों के मंत्री रहे। उन्होंने 1958 में लघु उद्योगों का अध्ययन करने, 1960 में कॉमन वैल्थ पार्लियामेंट्री कांफ्रेंस में भाग लेने, 1962 में एशियन सोलीडेरिटी की ओर से, 1965 में विश्व शांति सम्मेेलन और कॉमन वैल्थ कांफ्रेंस में भाग लेने के लिए क्रमश: लंदन, रूस, फिनलैंड व विलिंग्टन का दौरा किया।

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