नरेंद्र मोदी को देखा तो ऐसा लगा ….

n modi 450-320जैसे पूजा का फल ,
जैसे गंगा का जल ;
जैसा खिलता कमल,
जैसे निर्बल का बल ;
जैसे,निर्धन की कुटिया में रोशन दिया….

नरेंद्र मोदी को देखा तो ऐसा लगा ….
जैसे खेतों में धान ,
जैसे हँसता किसान;
जैसे वीरों की आन ,
जैसे भारत की शान;
जैसे,लहरा रही हो धर्म की ध्वजा…..

नरेंद्र मोदी को देखा तो ऐसा लगा ….
जैसे दुर्बल की जीत ,
जैसे रघुकुल की रीत ;
जैसे देवों के गीत ,
जैसे कलियुग व्यतीत ;
जैसे,सतयुग का सूर्य,चमकने लगा….

नरेंद्र मोदी को देखा तो ऐसा लगा ….
जैसे बढ़ता विकास ,
जैसे जन-जन की आस ;
जैसे मन में विश्वास ,
जैसे लौटा स्वराज ;
जैसे,भारत में स्वर्णिम युग आ गया…

नरेंद्र मोदी को देखा तो ऐसा लगा ….
जैसे मित्रों का साथ ,
जैसे द्रोही पे घात ;
जैसे शत्रु की मात ,
जैसे सुरक्षा की बात;
जैसे,सेना का मनोबल बढ़ता हुआ…..

जैसे शस्त्रों की धार,
जैसे दुश्मन पे वार ;
जैसे सीमा की बाड़,
जैसे किले की दीवार;
जैसे मस्तक झुकाने लगी हर दिशा…

नरेंद्र मोदी को देखा तो ऐसा लगा ….
जैसे नदियों का मेल ,
जैसे सस्ते में तेल ;
जैसे दुष्टों पे नकेल,
जैसे भ्रष्टों को जेल ;
जैसे,विदेशों से काला धन लौटने लगा…

नरेंद्र मोदी को देखा तो ऐसा लगा ….
जैसे मंदिर का भोग ,
जैसे देवों की धोक ;
जैसे गीता का श्लोक,
जैसे गोवध पे रोक ;
जैसे,फहरा रही हो धर्म की ध्वजा…

नरेंद्र मोदी को देखा तो ऐसा लगा ….
जैसे गीता का ज्ञान ,
जैसे अयोध्या में राम ;
सबका न्याय समान,
370 पर विराम ;
जैसे,घाटी में गूंजती हो राष्ट्रवंदना…
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