बाबा रामदेव को ब्लैकमेल कर हासिल किया भाजपा टिकट

baba ramdey 4कोलकाता. भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो का एक खुलासा राजनीतिक हल्कों में तूफान ला सकता है. आसनसोल से सांसद गायक सुप्रियो ने एक मैग्जीन में लिखे लेख में बताया है कि उन्हें योगगुरू बाबा रामदेव के कहने पर भाजपा का टिकट मिला था
सुप्रियो के मुताबिक, वे एक बार विमान में यात्रा कर रहे थे. उनकी सीट के पास ही बाबा की सीट भी थी. उन्होंने बाबा को अपने एक सहायक के साथ टिकट वितरण पर चर्चा करते सुना. सुप्रियो ने मजाक में ही कहा कि बाबा मुझे भी भाजपा का टिकट चाहिए. ऐसा नहीं हुआ तो मैं मीडिया को बता दूंगा कि आप भाजपा के टिकटों के बारे में बात कर रहे थे.
इस पर बाबा रामदेव एक पल के लिए चौंक गए. उन्होंने अपने सहायक से सुप्रियो का मोबाइल नंबर नोट करने को कहा. डायरी के रूप में लिखे लेख में गायक ने यह आगे बताया, 28 फरवरी की उस घटना के बाद 01 मार्च को राकेश नामक संघ प्रचारक का फोन आया.
राकेश ने सुप्रियो से कहा, बाबा रामदेव ने भाजपा टिकट के लिए आपका नाम सुझाया है. आप चुनाव पर कितना रूपया खर्च कर सकते हैं? वैसे लिमिट 70 लाख की है, लेकिन लोग इससे भी ज्यादा खर्च करते हैं. इस पर सुप्रियो ने कहा, वह इतना पैसा खर्च नहीं कर सकते हैं. वे नरेंद्र मोदीजी के प्रशंसक हैं, सिर्फ इसलिए भाजपा से चुनाव लड़ना चाहते हैं.
सुप्रियो के मुताबिक, तीन दिन बाद स्वयं बाबा रामदेव ने फोन पर बात की. उन्होंने बताया कि आपका टिकट कन्फर्म हो गया है. जब गायक ने कहा कि वो इतना पैसा खर्च नहीं कर पाएगा, तो बाबा ने आश्वासन दिया, वो सब पार्टी संभाल लेगी. बाबा ने तब मजाक में यह भी कहा था कि अब तुम सिर्फ पवन मुक्तासन करो.
इसके बाद 07 मार्च को भाजपा के पश्चिम बंगाल अध्यक्ष राहुल सिन्हा का फोन आया और पूछा गया कि क्या असनसोल से चुनाव लड़ना ठीक रहेगा? सुप्रियो ने जब आसनसोल का कारण पूछा तो बताया गया कि वहां हिंदीभाषी मतदाता बहुतायत में हैं.
तब राहुल ने भरोसा दिया था कि भाजपा को सुप्रियो के हिंदी भाषी होने का फायदा वहां जरूर मिलेगा. बहरहाल, यह खुलासा सुप्रियो के लेख के पहले हिस्से में हुआ था. दूसरा हिस्सा भी जल्द प्रकाशित होगा. बताया जा रहा है कि उसमें भी चौकाने वाली बातें हो सकती हैं.
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2 thoughts on “बाबा रामदेव को ब्लैकमेल कर हासिल किया भाजपा टिकट”

  1. वैसे भी ये खबर कहाँ तक सच है मुझे नहीं पता और न ही मैं व्यक्तिगत रूप से किसी के पाप को उजागर करने का शौकीन ही हूँ किन्तु सर्व सामान्य रूप से आजकल धार्मिक धंधे से जुड़े लोग राजनैतिक क्षेत्र में धड़ल्ले से दलाली कर रहे हैं इस बात से इंकार भी कैसे किया जा सकता है पता नहीं धार्मिक लोग इतना बेचैन क्यों हैं !
    राजनीति में बढ़ते बाबाओं के दखल से एवं सूना होता दिख रहा अध्यात्म प्रचार प्रसार !
    वैसे भी आशाराम जी की दुर्दशा देखकर साधू संत तो शांत हैं किन्तु बाबाओं में राजनैतिक हड़कम्प मचा है !see more…http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/05/blog-post_27.html

  2. बाबा जि कै बी जै पी कै नजैदीक सम्बन्ध जैग जाहिर है

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