नगर निगम की ओर से अस्थाई अतिक्रमणों को हटाने की कार्यवाही के दौरान ब्यावर रोड, चन्द्र नगर में रोड पर लगे विद्या फर्नीचर के साइन बोर्ड को तो हटा दिया गया, लेकिन वहीं पास में लगे पूर्व जिला प्रमुख सरिता गैना के बोर्ड को यूं ही छोड़ दिया गया। जाहिर है आम और खास में इस फर्क की खबर बननी ही थी। अब खबर लिखने वाले को कौन बताए कि सरकारी नौकरी करना खांडे की धार है। बड़ा संभल कर चलना पड़ता है। माना कि सरिता गैना अभी विपक्षी पार्टी भाजपा की नेता हैं, इस कारण उनसे डरने की जरूरत नहीं है, मगर कल अगर भाजपा सत्ता में आई तो उनके कोप का भाजन कौन बनेगा? उस वक्त न तो काम में बरती गई ईमानदारी निष्पक्षता काम आएगी और न खबर लिखने वाले पत्रकार महोदय। रहा सवाल सरिता गैना के बोर्ड पर जिला प्रमुख लिखा होने का तो पद भले ही चला गया हो, मगर इस बोर्ड से कम से कम उसका नशा तो कायम रहता है।
1 thought on “सरिता गैना से पंगा काहे को लें?”
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I KNOW SARITA AND PROF.C.B.GENA
BOTH ARE OF LOW PROFILE AND IF THAT BOARD HAD BEEN WAS REMOVED NO ACTION WAS TAKEN.
I PRAISE GENA AND FAMILY.