कानाफूसी है कि उत्तरप्रदेश में सत्ता गंवाने के बाद बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो बहन मायावती फिर से राजस्थान में पांव पसारना चाहती हैं। पिछली बार राजस्थान विधानसभा चुनाव के बाद यहां पूरा ध्यान नहीं दे पाने के कारण हाथी चुनाव चिन्ह पर जीते छहों विधायकों ने पाला बदल लिया, मगर अब वे चूकना नहीं चाहतीं। पहले उत्तरप्रदेश की सत्ता संभालने के कारण उनके पास वक्त की कमी थी, अब उनके पास पर्याप्त वक्त है। सुना है कि उन्होंने राजस्थान का सर्वे भी शुरू करवा दिया है कि कहां-कहां त्रिकोणीय मुकाबला कर सीटें हासिल की जा सकती हैं और कहां-कहां से मतों का राष्ट्रीय आंकड़ा बढ़ाया जा सकता है। चुनाव लड़वाने के लिए भारी बजट की भी व्यवस्था की जा रही है। राजस्थान भर में वसुंधरा समर्थक अधिकारियों से चंदा लेकर पार्टी फंड में जमा करवाया जा रहा है। समझा जाता है कि फिलहाल वे खुल कर मैदान में नहीं आएंगी। पूरा आकलन करने के बाद भी गतिविधियां शुरू करेंगी।