अरनब का इंडिया – 1 : कौन कौन है देश द्रोही ??

whats app 1स्वदेशी जागरण मंच ने GM सरसो का विरोध किया। केंद्र सरकार GM सरसो देश में लाना चाहती है। स्वदेशी जागरण मंच ने विरोध किया। किसी ने कहा “स्वदेशी जागरण मंच” anti national है। राष्ट्र विरोधी है। स्वदेशी जागरण मंच के अश्विनी महाजन जी ने ये बात बताई की मंच को राष्ट्र विरोधी कहा गया है। मुझे हंसी आ गयी।

कल zee news में एक खबर चली। बाकायदा फोटो लगाकर। राहुल गांधी जयचंद है। पाकिस्तान का भला चाहते है। भारत की सेना के दुश्मन है।

सरकार के कई मंत्री, भाजपा के अध्यक्ष और उनके टुकड़ो पर पलने वाले कई टीवी पत्रकार, पिछले कई दिनों से चिल्ला चिल्ला कर कह रहें है, अरविन्द केजरीवाल देश के दुश्मन है।
अरनब गोस्वामी ने तो JDU के प्रवक्ता को लगभग शो से ही बाहर कर दिया, उनकी देशभक्ति पर सवाल उठाते हुए।

ऐसा लगता है, इस देश में गद्दार ज्यादा है और देश भक्त कम। और जो थोड़े बहुत देश भक्त बचे भी है वो भी रोज कम होते जा रहे हैं । देश भक्तों को दुर्लभ प्रजाति घोषित करने का समय आ गया है शायद।

एक सेना का जवान जो शहीद हो गया 26/11 में, वीर शहीद उन्नी कृष्णन, उनके पिता ने कुछ सवाल उठाये। अचानक सोशल मीडिया में कुछ देशभक्त उन्नी कृष्णन के पिता को देशद्रोही बताने लगे। शहीद हेमराज के घर वालों ने कुछ सवाल उठाये, उनकी देशभक्ति पर तुरंत सवालों की बौछार कर दी गयी।

अगर आप पत्रकार है, और पत्रकारिता का एक भी सिद्धांत मानने की गलती कर बैठे तो आपको पाकिस्तानी, देशद्रोही और गद्दार साबित करने के लिए किसी सबूत की जरूरत नहीं।

ओम थानवी गद्दार, बरखा देशद्रोही, राजदीप पाकिस्तानी, रवीश भारत माँ का दुश्मन, अभिसार जयचंद।

बात यहीं तक नहीं रुकती, रोहित वेमुला ने सवाल उठाये उसको देशद्रोही घोषित कर दिया।

उसकी मौत पर दुःख जताने वाला हर इंसान गद्दार बताया जाता है।

जिग्नेश मेवानी पूरे देश में दलित चेतना जागृत कर दलित अधिकारों की बात उठा रहा है, उसे राष्ट्रद्रोही बताया जा रहा है। हार्दिक पटेल की देशभक्ति पर सवालों की बौछार है।

अगर आप गलती से बोल बैठे कि आपको दिल्ली सरकार का काम पसंद है, आप तुरंत देश के दुश्मन है। आप बोल बैठे की नितीश कुमार ने अच्छा काम किया, तो आप भारत माँ के दुश्मन बन जाते है। आप कांग्रेसी है, सोनिया राहुल की रैली में जाते है तो पाकिस्तानी है।

आप कोई भी हो, राजनेता, लेखक, पत्रकार, कलाकार, बुद्धिजीवी, वैज्ञानिक, खिलाड़ी, छात्र, किसान, दलित या आदिवासी …. अगर आपके दिल में रत्ती पर भर भी शंका है कि ये भारत का स्वर्ण काल है, इससे अच्छा और महान ये देश न पहले कभी था न आगे कभी होगा, आपकी कोई भी परेशानी या चिंता बाकि है, तो आप गद्दार हो, देशद्रोही हो, पाकिस्तानी हो।

जरा गलती से पूछ कर देखों, क्या यहीं है अच्छे दिन? फिर देखो कैसे पूरा का पूरा सिस्टम आप पर टूट पड़ता है।

ऐसा नहीं की आप संघी या भाजपाई है तो आप देशभक्त हो गए। संघ में हैं और केंद्र सरकार पर सवाल उठा दिए या केंद्र सरकार से सवाल पूछ लिए तो आप राष्ट्र विरोधी है, देशद्रोही है।

भाजपा में है और नरेंद्र मोदी से असहमत है, तो आप गद्दार है।

आपको देशभक्ति साबित करनी होगी, अनुपम खेर की तरह जो खुलकर कहते है, नरेंद्र मोदी से सवाल पूछना मतलब अपने बाप से सवाल पूछना। नरेंद्र मोदी को कुछ कहना मतलब अपने बाप को कुछ कहना।

भारत तुम्हारी माँ तभी हो सकती है जब नरेंद्र मोदी को बाप मान लो। अगर नरेंद्र मोदी को बाप नहीं मानते तो भारत तुम्हारी माँ नहीं। तुम पाकिस्तानी हो, गद्दार हो, देशद्रोही हो।

अरुण शौरी हो या यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा हो या कीर्ति आजाद … कभी भी देशद्रोही घोषित होने की तलवार सबके सर पर है। आप सेना के रिटायर्ड अधिकारी भी क्यों न हो, आज देशभक्ति साबित करनी ही होगी।

मानना ही होगा, कहना ही होगा कि अच्छे दिन आ गए। जो किसान अब भी आत्महत्या कर रहा है वो देश का दुश्मन है, उससे अच्छा मोजाम्बिक का किसान है, उसी से दाल उगवायेंगे।

आदिवासी सवाल पूछ बैठे तो नक्सलवादी, दलित पूछ बैठे तो देशद्रोही, किसान पूछ ले तो राष्ट्रद्रोही, छात्र हक़ मांग ले तो गद्दार और अगर गलती से भाजपा को वोट न देने की बात कर दी तो आप पक्के पाकिस्तानी।

ये हैं अरनब का इण्डिया। यहाँ 95% लोग गद्दार है, देशद्रोही है। पाकिस्तानी है। यहाँ सारा दिन टीवी वाले सेना को ये बताने में लगे है कि ज्यादातर देशवासी सेना के दुश्मन है, पाकिस्तान को जिताना चाहते है।

ओम पुरी यहाँ सेना के दुश्मन है, सलमान खान पाकिस्तानी एजेंट है। आमिर और शाहरुख़ तो पहले से ही प्रमाणित है कि इस देश के सगे हो ही नहीं सकते। नवाजुद्दीन की जरुरत नहीं और महेश भट्ट को तो ISI ने ख़रीदा ही हुआ है।

सवाल उठाना गुनाह है, सर झुकाना देशभक्ति है।

मेहबूबा देशभक्त है और अरविन्द केजरीवाल देश का दुश्मन।
नवाज शरीफ के घर जाना देशभक्ति है, अख़लाक़ के घर जाना देशद्रोह।

यहाँ भ्रस्टाचार से लड़ने पर ACB का नोटिस मिलता है और श्रीनगर में तिरंगा फहराने वाले छात्रों को लाठियों से पीटा जाता है।

दो ही रास्ते है, या तो सर झुका लो, या गालियों, हमलों, मुकदमों, जेल के लिए तैयार हो जाओ।

हमने रास्ता चुना लिया है ….

दुष्यंत कुमार का लिखा एक एक शब्द आज बिलकुल सच हो रहा है

रोज़ अखबारों में पढ़कर यह ख़्याल आया हमें
इस तरफ़ आती तो हम भी देखते फ़स्ले—बहार

मैं बहुत कुछ सोचता रहता हूँ पर कहता नहीं
बोलना भी है मना सच बोलना तो दरकिनार

इस सिरे से उस सिरे तक सब शरीके—जुर्म हैं
आदमी या तो ज़मानत पर रिहा है या फ़रार

– कपिल मिश्रा

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