कौन हैं आशू मलिक?

समाजवादी पार्टी में ज़बरदस्त हंगामे के बीच लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के अंदर ख़ुद की पिटाई का आरोप लगाने वाले मुलायम-शिवपाल के बेहद करीबी है

whatsapp-logo 450आशू मलिक, एसपी मुखिया मुलायम सिंह यादव के बेहद क़रीबी हैं। मुज़फ्फरनगर में देवबंद रोड पर स्थित एक छोटे से गांव के निवासी 2007-2008 में ग़ाज़ियाबाद के मुरादनगर में रहने आये और ऑर्डिनेंस फैक्टरी-मुरादनगर में किराये का कमरा लेकर रहने लगे। जीवनयापन के लिये आशू मलिक ने मेरठ रोड-मेन हाईवे पर ही मोबाइल रिचार्ज और फोटो खींचने की एक छोटी सी दुकान खोल ली। एक फोटोग्राफर के तौर पर आशू मलिक ग़ाज़ियाबाद के कुछ पत्रकारों के संपर्क में आये और वहां से उनको लगा कि पत्रकारिता में जो सम्मान है वो फोटोग्राफरी और दूसरी इंडस्ट्री में नहीं। ये सोचकर आशू मलिक ने पत्रकार बनने की ठानी और ग़ाज़ियाबाद के कुछ पत्रकारों को अपना गुरु बनाकर उनसे पत्रकारिता की ऐबीसीडी सीखने के अलावा पत्रकारिता ख़ासकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में नौकरी का जुगाड़ ढ़ूंढ़ने लगे। इस दौरान प्रांजल नाम की एक महिला पत्रकार ने ग़ाज़ियाबाद के मोदीनगर में ही एक सिटी केबल न्यूज़ चैनल खोला और शायद ‘राजेश कौशिक या अशहर इब्राहीम’ की मदद से आशू मलिक को वहां नौकरी मिल गई। कुछ दिन वहां काम करने और सीखने के बाद अतिमहत्वकांक्षी आशू मलिक ने ‘अमन-शाहीन’ नाम से अपना ख़ुद का अख़बार शुरू किया लेकिन तभी बीएसपी की माया सरकार के वक़्त एक दोस्त के साथ एक क़ानूनी मामले में फंसने पर आशू मलिक ने लंबी लड़ाई की शुरुआत की जो विपक्षी समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव तक पहुंची। शिवपाल के संपर्क में आने के बाद आशू मलिक की राजनीतिक महत्वाकांक्षा जागी और धीरे-धीरे आशू मलिक ने समाजवादी चोला ओढ़ लिया। विपक्षी पार्टी में जुड़ने का लोगों को लाभ मिल ही जाता है तो इसी के चलते आशू मलिक शिवपाल को सीढ़ी बनाकर मुलायम सिंह यादव तक पहुंचे और माया की ज़बरदस्त सरकार में विपक्ष का बुरा दौर काट रहे मुलायम के ख़ास हो गये। 2009-2012 तक आशू मलिक ने मुलायम के लिये देवबंद और दिल्ली के मुस्लिम उलेमाओं को साधने समेत कुछ ऐसे काम किये जिनसे वो मुलायम की आंख के तारे बन गये।
इसी के चलते 15 मार्च 2012 में अखिलेश सरकार आने के 2 महीने बाद आशू मलिक को सबसे पहले यूपी पुलिस की ‘वाई कैटेगरी’ सुरक्षा विद एस्काॅर्ट गाड़ी मुहैया कराई गई जिसमें यूपी पुलिस के 16 जवान (वाई कैटेगरी) + 6 जवान (एस्काॅर्ट गाड़ी में सवार) = कुल 22 जवान हर वक़्त आशू मलिक के साथ रहने लगे। अगस्त 2012 में यूपी की अखिलेश सरकार ने आशू मलिक को उत्तर प्रदेश युवा कल्याण परिषद में उपाध्यक्ष बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा दिया और जनवरी 2015 में विधानसभा कोटे से MLC बनाकर आशू मलिक को राजनीति में अमर कर दिया।
इस कहानी में एक मामूली फोटोग्राफर का पहले देश की एक सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी हाईकमान से पारिवारिक संबंध बनना, फिर भारीभरकम सुरक्षा, फिर राज्यमंत्री का दर्जा और फिर उत्तर प्रदेश विधानपरिषद का सदस्य (MLC-Member, Legislative Council) बनकर आशू मलिक ने ना सिर्फ राजनीति में ख़ुद को स्थापित किया बल्कि समाजवादी पार्टी के 230 से ज़्यादा विधायकों और 60 से ज़्यादा MLC में गायत्री प्रजापति के बाद आशू मलिक ने मुलायम की नज़र में दूसरा नंबर हासिल किया। लोग तो ये भी कहते हैं कि आशू की वजह से मुलायम सिंह गायत्री प्रजापति तक को डांट सकते हैं।
ख़ैर, आशू मलिक आज एक मामूली फोटोग्राफर से यूपी विधानपरिषद के सदस्य और लगभग करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं।
इतना सब कुछ आशू मलिक को समाजवादी पार्टी और मुलायम सिंह यादव से मिला है। मुलायम सिंह आशू को अपना पुत्र और आशू भी मुलायम को अपना पिता मानते हैं। आज जो कुछ हुआ वो 22 सितंबर को ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ में छपे एक ऑर्टिकल से हुआ था। ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ में आशू मलिक के हवाले से छपा था कि ‘अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के औरंगज़ेब हो गये हैं और उन्होंने शाहजहां की तरह मुलायम सिंह को क़ैद कर लिया है’। इस ख़बर को पढ़ते ही अखिलेश यादव आग-बबूला हो गये और उन्होंने सुबह 6 बजे फोन करके आशू मलिक को अपने घर बुलाया और ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के लखनऊ ब्यूरो को भी बुलाया और आमने-सामने बिठाकर पूछा-ये क्या बदतमीज़ी है???
आशू ने ख़बर छपवाने से साफ इनकार करते हुए ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के पत्रकारों को अपने लैटरहैड पर लिखा एक नोटिस पकड़ाते हुए कहा कि ‘ये झूठी ख़बर मेरे हवाले से क्यों छापी, कल सुबह तक इसका खंडन करो’। और अगले दिन ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ ने इसका खंडन कर दिया लेकिन ये आज तक स्पष्ट नहीं हुआ की आख़िर वो ख़बर छपवाई किसने थी लेकिन इस बीच समाजवादी पार्टी में चल रही इस टूटफूट के बीच शुरू हुये इस ‘लैटर वार’ में आशू मलिक भी कूद गये थे। फर्क़ सिर्फ इतना था कि बाक़ी ‘लैटर वार’ अखिलेश और मुलायम के समर्थकों-विरोधियों में चल रहा था जबकि आशू मलिक ने दोनों नेताओं के समर्थन में लैटर लिखकर विरोधियों पर हमला बोला था लेकिन आज हुई मीटिंग में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बयान के बाद आशू मलिक समाजवादी पार्टी के सबसे बड़े विलेन बन गये हैं÷)
अब आगे-आगे देखिये होता है क्या???

जनता की खोज नॉएडा।

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