फिर सुलगने लगी गैर सिंधीवाद की आग

कानाफूसी है कि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गैर सिंधिवाद की दबी हुई आग एक बार फिर सुलगने लगी है। कुछ समाचार पत्रों ने बाकायदा योजनाबद्ध तरीके से अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में सिंधी मतदाताओं की संख्या पूर्व की तुलना में कम हो जाने को आधार बना कर दोनों ही पार्टियों की ओर से गैर सिंधी प्रत्याशी उतारे जाने की संभावना जताना शुरू कर दिया है। अग्रवाल समाज के नेता व शहर कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. सुरेश गर्ग ने तो रिमझिम साप्ताहिक में एक पेज का विज्ञापन अग्रवाल समाज को राजनीतिक रूप से जागृत करने के लिए दिया है, जिसके सीधे-सीधे राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। कानाफूसी ये भी है कि कुछ गैर कांग्रेसी-गैर भाजपाई दलों ने उन पर डोरे डालना शुरू कर दिया है। पिछली बार भी उन्होंने निर्दलीय के रूप में नामांकन पत्र भरा था, मगर बाद में कांग्रेस के समर्थन में नाम वापस ले लिया था।
ज्ञातव्य है कि अजमेर उत्तर, जो कि पूर्व में अजमेर पश्चिम सीट थी, पर दोनों पार्टियां आजादी के बाद से लगातार किसी सिंधी को ही टिकट देती आई हैं, मगर पिछली बार कांग्रेस ने डॉ. श्रीगोपाल बाहेती तो टिकट दे कर एक प्रयोग किया, जो कि सिंधी-वैश्यवाद की वजह से विफल हो गया। इस बार फिर से गैर सिंधीवाद की बुझी आग को फिर से हवा दी जाने लगी है।

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