दिल्ली के बीजेपी नेता विजय गोयल को बड़ी भारी पीड़ा है कि अरविंद केजरीवाल उन्हीं के मंच पर आ कर उन्हीं को खरी खोटी कैसे सुना गए। अपने दिल के फफोले फोड़ते हुए वे सवाल खड़े करते हैं कि तीन दिन के आए केजरीवाल उनसे सवाल पूछ रहे हैं? केजरीवाल को माफी मांगनी चाहिए, वो कौन होते हैं हमसे पूछने वाले? केजरीवाल उनके मंच पर आते हैं और उन्हीं से बोलने की इजाजत मांगते हैं और हम ही से पूछते हैं कि बिजली के मुद्दे पर हम क्या कर रहे हैं। गोयल ने कहा कि इंसानियत के नाते उन्हें मंच पर बोलने का मौका दिया था, उसका ये सिला दिया।
कानाफूसी है कि विजय गोयल ने केजरीवाल से इंसानियत की उम्मीद कैसे कर ली? जिस केजरीवाल ने अन्ना आंदोलन की शुरुआत में भाजपा व संघ का सहारा लिया, बाद में उसी भाजपा को गालियां देने लगे। कोयला घोटाले के मामले में तो भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी पर जम कर हमला बोला। जिस केजरीवाल ने भोले भाले अन्ना हजारे के कंधे पर सवार हो कर अपने आपको राष्ट्रीय क्षितिज पर उभारा, उन्हीं को लात मार दी। ऐसे केजरीवाल से गोयल ने इंसानियत की उम्मीद कैसे कर ली?
1 thought on “केजरीवाल से इंसानियत की उम्मीद कैसे कर ली?”
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Kya bataayen ?lekhni ho to mr:Tejwani kee, seedhi baat,karkey,pura dimmag khole dete hain pathkon,ka…tejwaniji kejriwaal ko samajhna hoga ki bina anna saab ke vo khatam hain, rajniti mein fail:…jo baap ka saga na hua, vo kiseeka saga nahin hoga.