राज्यवर्धन सिंह राठौड़ बन सकते हैं भाजपा के नये भैरोंसिंह शेखावत

राजेश टंडन एडवोकेट
ज्योतिषियों का तो मुझे पता नहीं लेकिन अपने राजनीतिक अनुभव से कह रहा हूं कि सन् 2018 से 2023 के बीच में राजस्थान भाजपा में एक नये सितारे का उदय होगा, यह सितारा है – केन्द्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ – राठौड़ इस समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहली पसंद हैं, साथ ही उन्हें केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह का भी आर्शीवाद प्राप्त है, वे फिलहाल किसी भी तरह केे विवाद में नहीं हैं और चूंकि वे ऑलम्पिक में पदक विजेता हैं और सैन्य अधिकारी भी रहे हैं ऐसे में आम युवाओं में उनके प्रति दीवानगी व्याप्त है, खूबसूरत व्यक्तित्व के धनी राठौड़ की पत्नि पेशे से डॉक्टर हैं और उनका बेटा भी उनकी तरह राईफल शूटिंग का अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी है, ऐसे में राठौड़ एक ‘‘फुलप्रूफ पोलिटिकल पैकेज‘‘ हैं जो जनता को लुभाने के लिये किसी नेता के पास मौजूद नहीं है, राजस्थान राज्य में इस समय आदरणीया वसुन्धरा राजे जी ही भाजपा की एकछत्र नेता हैं परन्तु वे लगातार अपनी लोकप्रियता खो रही हैं, सन् 2018 के बाद उनकी राजनीति वैसे भी हाशिये पर चली जायेगी, सन् 2018 में राज्य में कांग्रेस पार्टी सचिन पायलेट के नेतृत्व में सरकार बनाएगी और पायलेट मुख्यमंत्री बनेंगे, ऐसे में भाजपा को अभी से राठौड़ को आगे लाने की तैयारी शुरू कर देनी चाहिये क्यों कि युवा सचिन पायलेट से मुकाबला अब राठौड़ के सिवाय किसी अन्य नेता के बूते की बात नहीं है,

देर-सवेर भाजपा को यह फैसला करना ही पड़ेगा एक अच्छा मुकाबला होगा सचिन व राठौड़ के बीच बाकी तो कांग्रेस व भाजपा के नेता आपस में मिले हुऐ हैं , और नूराकुश्ती ही लडेंगे जैसे आजतक लडते आये हैं बस अखबारों में ही लडते हैं बाकी अंदर खाने एक हैं और दोनों ही फ्रेक्चर मेंडेट चाहते हैं वो ऐसा क्यों चाहते हैं आप सभी मेरे आदरणीय पाठक जानते हैं ,

राठौड़ मूलतः जैसलमेर के रहने वाले हैं, बीकानेर में पले-बढ़े हैं, जयपुर में उनका घर है, फिलहाल वे दिल्ली में रहते हैं, राजस्थान की जनता में इन बड़े स्थानों का वैसे भी विशेष महत्व है और भाजपा में रिक्त चल रहे राजपूत नेतृत्व की जगह सिर्फ राठौड़ ही भर सकेंगे, चूंकि भाजपा चाहे जितने दावे करे जाट समुदाय के लोग कांग्रेस के साथ ही रहने वाले हैं, केवल अभी भाजपा को लोक लुभावन सपने दिखा कर राज हथिया रहे हैं और इस काम को मलाईदार पदों पर बैठे अधिकारी बखुबी निभा रहे हैं , ऐसे में भाजपा को इस दूसरे ताकतवर राजपूत समाज को अभी से अपने साथ ले लेना चाहिये और आजकल तो रावणा राजपूतों भी राजपूतो के साथ जाजम और बाजोट पर साथ बैठने लग गये हैं और राजपूतों से राजनीतिक रूप से ज्यादा समझदार हो गये है , आदरणीय बाबोसा भैरोंसिंह शेखावत ने इन दोनों जातों के भरोसे सदा राज किया था ,
मुझे उम्मीद है कि राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भाजपा के भैरोंसिंह शेखावत साबित होंगे।

राजेश टंडन, वकील, अजमेर।

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