क्या प्रियंका गांधी अजमेर से चुनाव लड़ेंगी?

राजनीति की एक खासियत है। वो है संभावना। अनंत संभावना। कुछ भी हो सकता है। अजमेर सीट के लिए पिछले दिनों से चल रहे नामों को ओवरलेप करके कुछ नए नाम सामने आए, एक कांग्रेस टिकट के लिए पूर्व पर्यटन मंत्री बीना काक के रिश्तेदार व भीलवाड़ा के उद्योगपति रिजी झुंझुंनू वाला और दूसरे भाजपा टिकट के लिए कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र या पुत्री। संभावनाओं की इलास्टिसिटी देखिए। अब अचानक कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का नाम भी आ गया है। यह कोरी गप्प नहीं है। बाकायदा दिल्ली के राजनीतिक गलियारे में इस नाम की चर्चा है।
समझा जाता है कि उत्तरप्रदेश में श्रीमती सोनिया गांधी व राहुल गांधी ही पर्याप्त हैं। वैसे भी वहां सीमित संभावनाएं हैं, इसलिए प्रियंका गांधी का प्रयोग राजस्थान में करने पर विचार हो रहा है, ताकि उनके प्रभाव का फायदा यहां की सीटों पर भी मिल सके। बताया जा रहा है कि जयपुर व टोंक-सवाईमाधोपुर के अतिरिक्त अजमेर पर भी विचार हुआ है। अजमेर इसलिए कि तीर्थराज पुष्कर व दरगाह ख्वाजा साहब की यह पावन भूमि सांप्रदायिक सौहार्द्र के लिए दुनियाभर में मशहूर है। इसके अतिरिक्त उपचुनाव में डॉ. रघु शर्मा ने यहां जीत दर्ज करवा कर कांग्रेस में जान फूंकी और यह मिथक तोड़ दिया कि मोदी लहर अब भी विद्यमान है और ये कि अजमेर भाजपा का गढ़ है। इससे पूर्व भी मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट यहां से जीत चुके हैं, यह बात अलग है कि अगले ही चुनाव में मोदी लहर के कारण वे हार गए। अगर प्रियंका यहां से लड़ कर जीतती हैं तो इसका पूरे देश में अच्छा संदेश जाएगा। आज जब कि वोटों का धु्रवीकरण धर्म के नाम पर करने की तमाम कोशिशें हो रही हैं, प्रियंका का अजमेर से लडऩा धर्मनिरपेक्षता का मजबूत संदेश साबित होगा। इसका लाभ राजस्थान में तो होगा ही, निकटवर्ती राज्यों पर भी असर पड़ सकता है।

error: Content is protected !!