ऐसे तो मिल ली निगम दफ्तर के लिए जमीन

अजमेर नगर निगम के मेयर कमल बाकोलिया ने जिस ढ़ंग से निगम के नए दफ्तर के लिए न्यास से जयपुर रोड पर जमीन दिलवाने की स्वायत्त शासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव जी एस संघु से याचना की, उससे तो नहीं लगता कि वे जमीन हासिल कर पाएंगे। ऐसे काम बड़ी चतुराई के साथ हाई लेवल पर सेटिंग करके पूरे कराए जाते हैं, मगर उन्होंने यह मांग सार्वजनिक रूप से कर दी। नतीजा ये रहा कि वहीं पर मौजूद डिप्टी मेयर अजीत सिंह राठौड़ ने रायता ढोल दिया। बाकोलिया की दलील थी कि मौजूदा दफ्तर छोटा पड़ता है, मगर राठौड़ ने यह तर्क देकर उनकी मांग को हल्का कर दिया कि मौजूदा दफ्तर ही बेहतर है क्योंकि वह शहर के बीचोंबीच है। साथ ही मौजूदा दफ्तर के पीछे भी काफी जगह है, जहां भवन का विस्तार किया जा सकता है। यानि कि संधू ये संदेश चला गया कि इस मुद्दे पर विवाद चल रहा है।
ज्ञातव्य है कि अपने कार्यकाल के दो साल पूरे होने पर बाकोलिया ने घोषणा की थी कि वे निगम का बड़ा व हाईटेक दफ्तर जयपुर रोड पर बनवाएंगे और जमीनी सच्चाई ये है कि अभी तो वे सिर्फ उसके लिए संबंधित उच्चाधिकारी से मांग ही कर रहे हैं, जबकि इस प्रकार के काम राजनीतिक स्तर पर दबाव बना कर पूरे करवाए जाते हैं। इस प्रकार सार्वजनिक रूप से याचना करने पर इसी प्रकार फजीता करवाते रहेंगे। बेहतर तो ये है कि अपने कांग्रेसी साथी न्यास अध्यक्ष नरेन शहानी भगत के तालमेल बैठा कर संयुक्त प्रस्ताव सरकार को भिजवाएं और उसके लिए राजनीतिक दबाव कायम करें।

error: Content is protected !!