कांग्रेस की ‘चमची’ हैं अरुणा रॉय

Aruna Raiअन्ना अरविन्द के लोकपाल आंदोलन के दौरान अरुणा रॉय मुखर होकर तो नहीं लेकिन मौलिक तरीके से इन दोनों के आंदोलन के पक्ष में नहीं थीं। उनका ऐसा करना कोई असहज कर्म भी नहीं था। लोकपाल आंदोलन भले ही अरविन्द केजरीवाल की वजह से जाना गया हो लेकिन लोकपाल के स्वरूप और ड्राफ्ट पर मौलिक काम अरुणा रॉय ने ही किया था। लेकिन आंदोलन चला, अरुणा रॉय अरविन्द केजरीवाल के खिलाफ खड़ी नजर आईं और उसका खामियाजा अब देखिए उन्हें कहां कहां भोगना पड़ रहा है। संदर्भ सामग्री के लिहाज से इंटरनेट पर विश्वसनीयता के साथ इस्तेमाल की जानेवाली विकीपीडिया के हिन्दी संस्करण में अरुणा रॉय को कांग्रेस की चमची करार दिया गया है।

अरुणा रॉय के बारे में जो लेख हिन्दी विकीपीडिया पर उपलब्ध है उसमें जिस तरह से उन्हें अन्ना और अरविन्द का दुश्मन बताया गया है उससे इतना शक तो बनता है कि यह काम किसी अन्ना या अरविन्द के समर्थक ने ही किया होगा। क्योंकि विकीपीडिया मुक्त ज्ञान कोष है इसलिए इसे कोई भी एडिट कर सकता है। हो सकता है किसी अन्ना अरविन्द समर्थक ने इस मौके का लाभ उठाकर अरुणा रॉय को कांग्रेस की चमची घोषित कर दिया है।

विकी पर अरुणा रॉय के बारे में जो जानकारी उपलब्ध है उसके पहले हिस्से में तो उनके बारे में सही जानकारी दी गई है लेकिन दूसरे हिस्से जीवन वृत्त में लिखा गया है- ”सरकार की स्टेंडिंग कमेटी एक विगयापन निकलवाती है जिसमे वो आम नागरिकों से लोकपाल बिल के लिए सुझाव मांगती है… – तभी अचानक कहीं से अरुणा राय अपना तीसरा लोकपाल ले कर प्रकट हो जाती है..वही अरुणा राय जो सोनिया गाँधी की अगुआई में राष्ट्रीय सलाहकार समिति की अध्यक्ष हैं और पहले भी सोनिया गाँधी के साथ काम कर चुकी है… – अरुणा राय अन्ना हज़ारे के आंदोलन को गैर लोकतांत्रित व जन लोकपाल को ग़लत घोषित कर देती है.. – ये सब पहले से नियोजित षड्यंत्र है जिससे अन्ना व जन लोकपाल के प्रति लोगों की राय बदल जाए और जनसमूह अलग अलग विभाजित हो जाए… – अरुणा रॉय कॉंग्रेस की चमची है…जो अन्ना के आंदोलन को खराब करने के लिए सरकार द्वारा भेजी गई है.”

निश्चित रूप से विकी पर हिस्सा उस वक्त जोड़ा गया है जब देश में लोकपाल आंदोलन फूट के कगार पर था। क्योंकि उसी वक्त अरुणा रॉय ने लोकपाल का तीसरा प्रपोजल सामने रखा था। अरुणा रॉय के प्रपोजल को भले ही तीसरा प्रपोजल कहा जा रहा हो लेकिन हकीकत तो यह है कि यह अरुणा रॉय ही हैं जिन्होंने लोकपाल पर विस्तृत ड्राफ्ट तैयार किया था और अरिन्द केजरीवाल ने लोकपाल का आंदोलन भी अरुणा रॉय से ही झटका था। लेकिन आंदोलन हिट रहा और अरविन्द केजरीवाल ही इस आंदोलन के लिए जाने गये।

लेकिन इंटरनेट की गलियों में इतनी तंज लड़ाई भी लड़ी जा रही है यह थोड़ा चौंकानेवाला है। हालांकि विकी पर जारी इस जंग को पकड़ा भी आनलाइन दुनिया ने ही और फेसबुक पर इस बारे में जानकारी दी। अब देखना यह है कि विकी इस गलती को सुधारता है या अरुणा रॉय का कांग्रेस की चमची वाला परिचय बनाये रखता है। विस्फोट डॉट कॉम से साभार

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