स्लम फ्री अजमेर की योजना में सचिन की भूमिका नहीं

sachin 4कानाफूसी है कि अजमेर को देश का पहला स्लम फ्री शहर बनाने की योजना को केन्द्र सरकार की जो मंजूरी मिली है, उसमें अजमेर के सांसद व केन्द्रीय संचार राज्य मंत्री सचिन पायलट की सीधे तौर पर कोई विशेष भूमिका नहीं है। इस योजना का सर्वे व प्रस्ताव अजमेर जिला प्रशासन की देखरेख में नगर सुधार न्यास की मेहनत और नगर निगम की भागीदारी के तहत तैयार किया गया, जिसे गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने बेहतरीन पाया और उसी के तहत उसे मंजूर किया गया। अर्थात सारी मेहतन स्थानीय स्तर की है, जिसे कलेक्टर वैभव गालरिया के रुचि लेने के कारण बेहतरीन प्रस्ताव बनाए जा सके। तस्वीर का एक पहलु ये भी है कि निगम के मेयर कमल बाकोलिया की अध्यक्षता में इंडोर स्टेडियम में हुई एक बैठक में तो पार्षदों के विरोध तक का भी सामना करना पड़ा। पार्षदों ने बायकाट तक किया। बाद में पार्षदों द्वारा सुझाए गए प्रस्ताव शामिल किए जाने के बाद उन्होंने सहयोग किया। चूंकि योजना केन्द्र सरकार ने मंजूर की है, इस कारण स्वाभाविक रूप से यह माना जा रहा है कि इसमें पायलट की भूमिका है, जैसा कि नगर निगम के मेयर कमल बाकोलिया ने भी कहा है, मगर कानाफूसी है कि ऐसा कुछ नहीं है। बाकोलिया ने तो अपने आका को खुश करने के लिए यह बयान दिया है।

2 thoughts on “स्लम फ्री अजमेर की योजना में सचिन की भूमिका नहीं”

  1. अब अजमेर की राजनीति से चमचागिरी को बंद होना होगा ….
    बाकोलिया जी को समझना होगा कि मतदाता सर्बोपरी है नाकि उन के आका ….

  2. Pathak g it may nt b possile without the internal support of pilot . He is very talented and rising star of indian politics. Wt wrng with u do nt defame such a great leader

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