2जी से भी बड़ा घोटाला, सरकार को 1.86 लाख करोड़ का चूना

कोयला ब्लॉक आवंटन में गड़बड़ी से संबंधित कैग की रिपोर्ट संसद में पेश कर दी गई है। राज्यसभा में पेश रिपोर्ट के मुताबिक कोयला खदानों की नीलामी सही तरीके से नहीं होने के कारण सरकार को 1.86 लाख करोड़ रुपये का घाटा हुआ। इसके अलावा कुछ प्राइवेट कंपनियों को जानबूझकर फायदा पहुंचाया गया।

155 कोयला खदानों का हुआ था आवंटन
उल्लेखनीय है कि 2004 से 2009 के बीच लगभग 100 कंपनियों को 155 कोयला खदानों का आवंटन किया गया। नीलामी की प्रकिया सही नहीं होने के कारण सरकारी खजाने को करीब 1.86 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। ये घाटा 1.76 लाख करोड़ के 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले से भी बड़ी रकम है।

यूपीए सरकार की बढ़ेगी परेशानी
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कैग की इस रिपोर्ट के बाद सरकार की परेशानी और बढ़ सकती है। विपक्षी दलों का आरोप है कि वर्ष 2004-2009 के दौरान ही कोयला ब्लॉक आवंटन में नीलामी की प्रक्रिया का सही तरीके से पालन नहीं किया गया। उस समय कोयला मंत्रालय का प्रभार प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास था।

शुक्रवार को ही कैग ने संसद में कोयला खदानों में आवंटन के अलावा दिल्ली हवाई अड्डे को निजी कंपनी दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) को सौंपने और अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट यानी यूएमपीपी के बारे में रिपोर्ट पेश की।

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