पासवाल एनडीए में लौटे, 7 सीटें हासिल कीं

ram-vilash-paswanनई दिल्ली / रामविलास पासवान एनडीए में शामिल हो गए। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की। इस घोषणा से पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता राजीव प्रताप रुड़ी और रविशंकर प्रसाद पासवान से मिलने उनके घर पहुंचे। मुलाकात के बाद पासवान इन नेताओं के साथ राजनाथ सिंह के घर पहुंचे। राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद पासवान और भाजपा नेताओं के एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में गठबंधन का औपचारिक एलान किया। हाजीपुर से रामविलास पासवान लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। 12 साल बाद राम विलास पासवान वापस एनडीए में लौटे हैं। बीजेपी और राम विलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) में सीटों को लेकर भी समझौता हो गया है। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी बिहार में एलजेपी के लिए सात सीट छोड़ेगी। इसके अलावा एक सीट औरंगाबाद को जेडी (यू) के वर्तमान सांसद सुशील सिंह के लिए छोड़ी जा रही है। वर्ष 2002 में पासवान ने गुजरात दंगों के मुद्दे पर ही एनडीए से नाता तोड़ लिया था, लेकिन गुरुवार को राजनाथ सिंह से मुलाकात करने के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनडीए में शामिल होने का एलान कर दिया। यही नहीं पासवान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी को ही अपना पीएम उम्मीदवार भी मान लिया है। इस मौके पर राजनाथ सिंह ने में कहा कि एनडीए का विस्तार होना शुरू हो गया है।
दरअसल, सुशील सिंह बीजेपी में शामिल होना चाहते थे लेकिन पार्टी के स्थानीय विधायक रामाधार सिंह के जबर्दस्त विरोध की वजह से सुशील सिंह के लिए बीच का रास्ता निकाला गया है। इस गठबंधन की औपचारिक घोषणा गुरुवार को बीजेपी के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में दिल्ली में की गई।
दिल्ली में बुधवार दोपहर हुई एलजेपी की संसदीय बोर्ड की बैठक में गठबंधन पर फैसले के लिए सारे अधिकार पासवान को दे दिए गए थे। बैठक के बाद ही पासवान ने पहली बार खुलकर बीजेपी से गठबंधन के संकेत दिए हैं। उन्होंने सोनिया और लालू पर गठबंधन के लिए गंभीर न होने का आरोप लगाया। पासवान ने बुधवार को ही इशारा कर दिया था कि वो एनडीए में शामिल हो सकते हैं। गुरुवार को नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में इस पर फैसला ले लिया गया। शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके राजनाथ सिंह ने इसका एलान किया कि एलजेपी अब एनडीए का हिस्सा होगी।
सूत्रों ने मुताबिक एलजेपी के लिए हाजीपुर, वैशाली, समस्तीपुर, जमुई, नालंदा और मुंगेर समेत सात सीटें छोड़ने के लिए सहमति बनी है। आरा को लेकर एलजेपी की ओर से काफी दबाव था, लेकिन बीजेपी ने स्पष्ट कर दिया है कि यह सीट किसी भी कीमत पर नहीं मिलेगी। सूत्रों का कहना है कि इन सात सीटों के अलावा 8 वीं सीट औरंगाबाद भी तकनीकी रूप से एलजेपी को दी जा सकती है, लेकिन इस शर्त पर कि यहां से उम्मीदवार बीजेपी की पसंद के वर्तमान सांसद सुशील सिंह होंगे।

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