गृह मंत्री शिंदे ने बुधवार को कहा-नक्सली बख्शे नहीं जाएंगे

sushil kumar shindeरायपुर / जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में झीरम घाटी से पांच किलोमीटर दूर तोंगपाल में मंगलवार को हुए नक्सली हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बुधवार को यहां कहा कि हमले में संलिप्त रहे किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शिंदे ने कहा कि घटना की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) करेगी, जिस पर मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह से सहमति बन गई है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान बैकफुट पर आए नक्सलियों ने बौखलाहट में इस घटना को अंजाम दिया है। शिंदे ने कहा कि कुछ गलतियां अवश्य हुई हैं, लेकिन इस घटना का नक्सलियों से बदला लिया जाएगा।
शिंदे घटनास्थल का जायजा लेने और शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए बुधवार को यहां पहुंचे। उन्होंने जगदलपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में शहीदों को श्रद्धांजलि दी। शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद शिंदे ने राज्य के राज्यपाल शेखर दत्त, मुख्यमंत्री, गृह मंत्री राम सेवक पैकरा सहित आला अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने शिंदे को घटना की पूरी जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार बैठक में उन्होंने नक्सलियों के खिलाफ ठोस रणनीति बनाने पर जोर दिया। बैठक में खुफिया तंत्र की सक्रियता को लेकर भी उन्होंने नाराजगी जताई कि पांच दिनों से उस इलाके में लगभग 300 नक्सलियों की आवाजाही थी, लेकिन इसकी भनक क्यों नहीं लग पाई। इसके बाद संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ राज्य पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बल मिलकर कार्रवाई कर रहे हैं, जिसके कारण नक्सली बौखला गए हैं और इसीलिए वे इस तरह की ‘कायराना’ हरकतें कर रहे हैं। उन्होंने नक्सल समस्या से निपटने के लिए राज्य को हर संभव सहयोग जारी रखने का आश्वासन दिया।
शिंदे ने गत वर्ष 25 मई को कांग्रेसी नेताओं के काफिले पर हुए हमले की एनआईए जांच के संबंध में कहा कि इस मामले की जांच लगभग पूरी हो गई है, कुछ नक्सलियों की पहचान भी कर ली गई है, जल्दी ही मामले का खुलासा किया जाएगा।
पिछले वर्ष सुकमा से ‘पर्वितन रैली’ से संबंधित बैठक में शामिल होने के बाद वापस लौटते समय बस्तर क्षेत्र के दर्बा घाटी में कांग्रेस नेताओं के काफिले पर नक्सलियों ने घात लगा कर हमला किया गया था। इस घटना में प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के अध्यक्ष नंद कुमार पटेल और पूर्व मंत्री महेंद्र कर्मा सहित 27 लोगों की मौत हो गई थी। हमले में घायल वरिष्ठ कांग्रेस नेता विद्याचरण शुक्ल ने बाद में अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
शिंदे ने कहा कि मंगलवार के हमले की जांच एनआईए करेगी। उन्होंने कहा कि खुफिया विभाग ने छत्तीसगढ़ में नक्सल गतिविधियों की सूचना दी थी, लेकिन सूचना में स्थान की जानकारी नहीं थी, जिसके कारण जवान सुकमा जिले की झीरम घाटी में नक्सलियों के होने का अंदाजा नहीं लगा पाए।
उन्होंने कहा कि चुनाव से महज एक महीने पहले ऐसी घटना को अंजाम देकर नक्सली आम चुनाव पर असर डालने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन चुनाव नियत तारीखों पर ही संपन्न होंगे और शांतिपूर्ण तरीके से होंगे।
पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के दौरान नक्सलियों ने चुनाव बहिष्कार की अपील की थी, फिर भी बस्तर क्षेत्र में 77 प्रतिशत मतदान हुए थे। माना जा रहा है कि नक्सली इसी से नाराज हैं, लिहाजा जनता में लोकसभा चुनाव से पहले अपना डर बनाने के लिए उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया।
गौरतलब है कि करीब 300 नक्सलियों ने मंगलवार को झीरम घाटी के घने जंगल में गश्त कर रहे अर्धसैनिक बल और पुलिस के करीब 50-55 जवानों के दल पर घात लगाकर हमला कर दिया था, जिसमें 15 जवान शहीद हो गए।

error: Content is protected !!