कीर्तन में ताली बजाने से हाथ की बिगड़ी हुई रेखाएं भी सुधर जाती हैं

RaviKrishna shashtri

katha me Bhajan gati hui Soumya Sharma
katha me Bhajan gati hui Soumya Sharma

विदिषा – ‘‘रामकथा सुन्दर ‘करतारी’, संषय विहग उड़ावन हारी’’ अर्थात श्री राम कथा उस करतल ध्वनि अथवा हाथ की ताली के समान है, जिसके बजाने पर सारी शंकाएं दूर हो जाती है। इसी संदर्भ में स्थानीय मेघदूत टॉकीज में तृतीय दिवस जारी रही श्रीमद् भागवत कथा के अंतर्गत भागवताचार्य पं. रविकृष्ण शास्त्री ने कहा कि कीर्तन में भगवान का नाम लेकर ताली बजाने से हाथ की बिगड़ी हुई रेखाएं भी सुधर जाती हैं और जीवन सार्थक हो जाता है।
इसी अवसर पर जानी-मानी नन्ही-सी भजन गायिका कु. सौम्या शर्मा ने अपने मधुर भजनों से श्रद्धालुओं को मंत्र-मुग्ध कर दिया। कथा में पं. रविकृष्ण शास्त्री ने कहा कि परमेष्वर की भक्ति से आनन्द तो आता ही है, साथ ही जीवन के सारे सांसारिक पाप कटकर जीवन के साथ परलोक का भी उद्धार हो जाता है। भगवान की भक्ति से सांसारिक नर्क बहुत छोटा लगता है। पं. रविकृष्ण शास्त्री ने कहा कि धन की तीन गतियां होती हैं, पहली धार्मिक दान, दूसरी पर्याप्त धन का सदुपयोग स्वयं तथा स्वजनों के लिए करना और जो व्यक्ति इन दो प्रकार से धन का व्यय नहीं करता है, उसकी तीसरी गति में धन का नाष हो जाता है। भगवान के कार्य में लगाया गया धन लाखों गुना बढ़कर मिलता है। उन्होंने कहा कि द्रोपदी की गाथा इसका प्रमाण है। भगवान को अंगुली में थोड़ी सी चोट लगने पर किसी के पास पट्टी बांधने के लिए जब कपड़ा नहीं निकला, तब द्रोपदी ने अपनी बहुमूल्य साड़ी फाड़कर भगवान को पट्टी बांध दी थी। द्रोपदी पर जब परम संकट गहराया तब भगवान ने साड़ी के उस छोटे से टुकड़े के बदले में असंख्य साड़ियां प्रकट कर द्रोपदी की लाज बचाई थी। उन्होंने कहा कि भगवान तो इतने महान हैं कि अंत समय में एक बार भी उनका नाम मुख में आ जाए तो वे परम मोक्ष्य प्रदान कर देते हैं। अजामिल इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है।
आज चतुर्थ दिवस 4 मई को गजेन्द्र मोक्ष, देवासुर संग्राम, वामनावतार, मत्स्यावतार, श्री रामावतार, भगवान श्रीकृष्ण का प्राकट्य महोत्सव की कथा होगी।
(अमिताभ शर्मा)
मीडिया प्रभारी
मोबा. 98273-69848

error: Content is protected !!