45 डिग्री झुलसाने वाले तापमान में तप कर निखर रहे स्वयंसेवक

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का व्यक्ति निर्माण का क्रम जारी
संघ शिक्षा वर्ग में 14 जिलों के बडी संख्या में स्वयंसेवक 
DSC_0316-डा. लक्ष्मीनारायण वैष्णव-  दमोह / जहां आसमान में सूरज आग उगल रहा है भीषण गर्मी के चलते तापमान 45 डिग्री के समीप पहुंच रहा है वहीं एैसे समय में प्रशिक्षण रूपी इस भट्टी में तपाकर स्वयंसेवकों को तरासने का क्रम भी जारी है। ब्रम्हमुर्हुत में जागरण के साथ ही रात्रि तक चलने वाली प्रक्रिया में कठिन साधना के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित करने का कार्य पिछले कई दिनों से जारी है। ज्ञात हो कि स्थानीय केशव नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में संघ शिक्षा वर्ग चल रहा है जहां महाकौशल प्रांत के चौदह जिलों के बडी संख्या में स्वयंसेवक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। देश ही नहीं अपितु विश्व का एक मात्र वृहद स्वयंसेवी संगठन अपने अनुशासन एवं राष्ट्रोत्थान के लिये किये जाने वाले कार्यों को लेकर पहचाना जाता है। संघ अपने स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण देने का कार्य करता रहता है जिसमें स्वयंसेवकों को वर्ग स्थल पर रहकर पूर्ण अनुशासन एवं नियमों का पालन कर प्रशिक्षण प्राप्त करना होता है। जिसको दक्षता,प्राथमिक,प्रथम,द्वितीय एवं तृतीय बर्ष का नाम दिया गया है। दमोह नगर में चल रहे उक्त वर्ग मेंं प्रथम बर्ष का प्रशिक्षण स्वयंसेवक प्राप्त कर रहे हैं। महाकौशल प्रांत में हाल ही मे सम्पन्न हुये संकल्प महाशिविर के पश्चात् संघ अपने संकल्प अपने कार्य को प्रत्येक मंडल,ग्राम-ग्राम तक पहुंचाने की योजना पर कार्य कर रहा है। दृढीकरण एवं सामाजिक ताने वाने को सुदृढ करने,हिन्दुत्व एवं राष्ट्रीयता के भाव को पुष्ट करने लगातार कार्य कर रहा है।
बौद्धिक, शारीरिक, योग एवं घोष-
उक्त वर्ग में स्वयंसेवकों को मानसिक,शारीरिक दोनो प्रशिक्षणों को दिया जा रहा है। एकात्मस्त्रोत पाठ के साथ प्रात:काल सभी स्वयंसेवक अपने कार्य की शुरूआत करते हैं। संघ स्थान पर नियुद्ध,समता,दण्ड,जुडो कराते,योग के साथ ही घोष के विभिन्न वाद्य यंत्रों जैसे शंख,आनक,वंशी के वादन करने का अभ्यास कराया जाता हैै। विद्वान वक्ताओं के द्वारा बौद्धिक दिया जाता है तो वहीं चर्चा सत्र में स्वयंसेवकों एवं वक्ताओं के मध्य चर्चा भी होती है। लगातार चलने वाले उक्त कार्य में दिन भर में होने वाले कार्यक्रमों का समय निर्धारित किया गया है जिसको समय सीमा में ही पूर्ण करना होता है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-
राष्ट्रोत्थान,सामाजिक समरसता का भाव लेकर कार्य करने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में नागपुर में डा.केशवराम बलिराम हेडगेवार द्वारा कुछ नन्हे मुन्हे बच्चों के साथ प्रारंभ किया गया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अब एक विशाल बट वृक्ष बन कार्य कर रहा है। देश एवं हिन्दु समाज की दुर्दशा देखते हुये चिंतन एवं मनन किया कि सम्पूर्ण समाज की कमजोरी क्या है? जातिवाद एवं समुदायों में बटे विशाल समाज को एक नई दिशा देने एवं एकजुट कर राष्ट्रोत्थान के कार्यों में लगाने हिन्दु एक है का भाव पैदा करने का लक्ष्य लेकर संघ की स्थापना की थी।  विश्व के लगभग 80 देशों में इसका कार्य चल रहा है। देश में इस समय 40 हजार से अधिक शाखायें और 20 हजार से अधिक प्रभावी संस्कार केन्द्र चल रहे है तो वहीं डेढ लाख से अधिक सेवाकार्य के प्रकल्प चल रहे हैं। हिन्दुओं को संगठित एवं संस्कारित कर अपने इस महान राष्ट्र भारतबर्ष को परम वैभव पर पहुंचाने के लक्ष्य को लेकर संघ कार्य प्रारंभ हुआ। इसी भावना से प्रेरित होकर आज लाखों स्वयंसेवक राष्ट्रहित के कार्य में निरंतर लगे हुये हैं। सामाजिक शिक्षा,सामाजिक स्वास्थ्य,सामाजिक सुरक्षा,स्वालंबन एवं समरसता जैसे बिन्दुओं को ध्यान में रख निरंतर कार्य जारी है। महाकौशल प्रांत में संघ सृष्टि के अंतर्गत सेवा भारती,वनवासी कल्याण आश्रम,भारत विकास परिषद,विश्व हिन्दु परिषद आदि संगठन 75 प्रकार के लगभग 3500 सेवा कार्य चला रहे हैं। इनमें बाल/बालिका संस्कार कोचिंग,कम्पूटर शिक्षा,सिलाई केन्द्र एवं पुस्तकालय सम्मिलित हैं। संघ अपनी शाखाओं एवं कार्यक्रमों के माध्यम से केवल समाज संगठन एवं व्यक्ति निर्माण का कार्य करता है।
संघ शिक्षा वर्ग-
भगवान वक्रतुण्ड की आराधना के साथ गत दिवस शुभारंभ हुआ था  उद्घाटन महाकौशल प्रांत प्रचारक राजकुमार मटाले ने किया जबकि प्रांत के संघ चालक प्रशांत सिंह ने की थी वर्ग स्थान पर एक विशाल प्रेरणादायी प्रर्दशनी का आयोजन भी किया गया है जिसमें देश के गौरवशाली इतिहास के साथ देश की आंतरिक एवं बाह्य समस्याओं के साथ ही अनेक विषयों को समाहित किया गया है। उक्त प्रर्दशनी का उद्घाटन अखिल भारतीय अधिकारी माननीय मधुभाई ने दीप प्रज्जवल एवं भारत माता,डा.हेडगेवार एवं श्री गुरूजी के चित्र पर माल्यापर्ण कर किया था।  वहीं सहभागिता वर्ग अधिकारी रविन्द्र श्रीवास्तव एवं वर्ग कार्यवाह कैलाशनाथ द्वारा की गयी थी।  उक्त प्रदर्शनी एवं वर्ग दर्शन के लिये समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों को अलग-अलग दिन निर्धारित किये गये हैं।
भोजन में मिल रही राम रोटी-
उक्त संघ शिक्षा वर्ग में प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों के लिये भोजन व्यवस्था में जिले के प्रत्येक परिवार से रोटियां प्रतिदिन अलग-अलग जगहों से एकत्रित की जा रही है। जिनको प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले स्वयंसेवकों को तथा प्रशिक्षण दे रहे शिक्षक एवं अधिकारियों को परोसा जा रहा है। 21 दिन तक चलने वाले उक्त प्रशिक्षण में प्रतिदिन दोनो समय के लिये इस प्रकार की योजना पर कार्य जारी है। तय स्थान पर परिवारों में स्वयंसेवक जाते हैं वहां संपर्क कर एक लिफापा देते हुये आग्रह करते हैं कि कल हम आपके पास आयेंगे आप 10 रोटियां इस लिफापे में भरकर भोजन का सहयोग प्रदान करें। दुसरे दिन पुन:संपर्क और रोटियों को एकत्रित कर दोपहर में साढे ग्यारह बजे एवं शाम सात बजे वर्ग स्थल पर पहुंचा दी जाती हैं जिनको स्वयंसेवकों परोसा जाता है।
वर्गदर्शन का मिल रहा लाभ-
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को जानने समझने एवं उसके कार्य एवं प्रशिक्षण को देखने के लिये वर्ग दर्शन का कार्यक्रम तय किया गया है। जिसके तहत समाज के विभिन्न वर्ग एवं संगठनों को अलग-अलग दिनांकों में वर्ग दर्शन का लाभ दिलाया जा रहा है। प्रचार प्रमुख डा.एल.एन.वैष्णव ने बतलाया कि गत दिवस शिक्षक,अधिवक्ता ,प्राचार्य,प्राध्यापक,महाविद्यालीन शिक्षा से जुडे लोग लाभ उठा चुके हैं। उक्त वर्ग स्थल पर आयोजित एक विशाल प्रेरणादायी प्रर्दशनी का आयोजन भी किया गया है जिसमें देश के गौरवशाली इतिहास के साथ देश की आंतरिक एवं बाह्य समस्याओं के साथ ही अनेक विषयों को समाहित किया गया है। वहीं इसका लाभ उद्योगपति,व्यवसायी,न्यासी,जाति बिरादरी प्रमुख,चिकित्सक,दवा विक्रेता,एमआर,पत्रकारों एवं खिलाडियों को सम्मिलित किया गया है।

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