रेल किराये में बहुत बड़ी बढ़ोतरी की

railwaysनई दिल्ली / केंद्र सरकार ने रेल किराये में बहुत बड़ी बढ़ोतरी की है। रेल किराया 14.2 फीसदी तक बढ़ा दिया गया है। माल भाड़े में भी 6.5 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। हाल के समय में अब तक की यह सबसे बड़ी वृद्धि है। बेसिक किराये में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि 4.2 फीसदी फ्यूल अजस्टमेंट कॉस्ट है। बढ़े दाम 25 जून से लागू हो जाएंगे। अगर आप पहले ही टिकट कटा चुके हैं, तो भी आपको बढ़ा हुआ किराया यात्रा करते वक्त टीटीई को देना होगा। इतनी अधिक बढ़ोतरी के पीछे सरकार का तर्क है कि यह फैसला यूपीए सरकार के वक्त ही ले लिया गया था, लेकिन आचार संहिता की वजह से लागू नहीं हो पाया था, इसलिए इसे अब लागू किया जा रहा है। 9 जुलाई को रेल बजट पेश होना है, लेकिन सरकार ने उससे पहले ही किरायों में बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया है। इस बढ़ोतरी के मुताबिक दिल्ली से मुंबई का स्लीपर क्लास का जो किराया अब तक 555 रुपये था, अब लगभग 632 रुपये हो जाएगा। दिल्ली-मुंबई एसी-2 का किराया 2495 रुपये से बढ़कर 2849 रुपये और एसी थ्री का किराया 1815 रुपये से बढ़कर 2073 रुपये हो जाएगा।
रेल मंत्रालय ने कहा है कि यह फैसला यूपीए सरकार ने ही ले लिया था और हमने बस इसे लागू किया है। रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने कहा, ‘रेल किराये बढ़ाने का फैसला पिछली सरकार ने अंतरिम बजट में ही ले लिया था, लेकिन तब उन्होंने इसे लागू नहीं किया था।’ कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इस फैसले की निंदा की है। कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा कि अच्छे दिनों के नाम पर जनादेश हासिल करने वाली सरकार के इस कदम की हम निंदा करते हैं। उन्होंने कहा, ‘तेल जैसी जो चीजें आपके नियंत्रण में नहीं हैं, उन पर आप कुछ नहीं कर सकते, लेकिन रेल भाड़ा नहीं बढ़ाना आपके नियंत्रण में है तो इससे बचा जा सकता है। सरकार वादाखिलाफी कर रही है।’
सीपीएम के मोहम्मद सलीम ने सरकार के इस तर्क को खारिज किया कि यह फैसला यूपीए सरकार में लिया गया था। उन्होंने कहा कि नई सरकार आने से नीतियों में भी बदलाव आना चाहिए, अगर कोई गलत फैसला पिछली सरकार ने लिया है तो उसे बदलना ही नई सरकार का काम है।

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