सम्मेलन, आकाशवाणी के द्वारा श्रमिकों को अधिकारों की जानकारी

ग्राम पंचायतों में कलेक्ट्रर श्री सिंह के मार्गदर्शन हो रहे आयोजन

स्वतंत्र कुमार सिंह
स्वतंत्र कुमार सिंह

-डा.एल.एन.वैष्णव- दमोह/ श्रमिकों को उनके अधिकारों के संबध में जहां आकाशवाणी एवं दूरदर्शन के माध्यम से जानकारी प्रदान की जा रही है तो वहीं ग्राम पंचायतों में आयोजित  सम्मेलनों में उपस्थितों को प्रशिक्षण एवं उनके अधिकार बतलाये जा रहे हैं। जी हां एैसे ही कुछ दृश्य प्रतिदिन आपको ग्राम पंचायतों में दोपहर में नजर आ जायेंगे। ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद के निर्देश पर उक्त प्रकार के आयोजनों को पूरे प्रदेश में आयोजित किया जा रहा है। इसी क्रम में दमोह जिले के ग्राम पंचायतों में श्रमिकों को लाभांवित किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आयुक्त डा.रविन्द्र पस्तोर द्वारा इस संबध में दिशा निर्देश जारी ही नहीं किये अपितु स्वयं पल-पल की गतिविधियों पर नजर रखे हुये हैं। उक्त प्रशिक्षणों एवं अधिकारों की जानकारी प्रदान करने के लिये जहां कुछ पारंपरिक तरीकों को अपनाया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर आधुनिक तकनीक का भी सहारा लिया जा रहा है। उद्ेश्य साफ है कि ग्राम पंचायतों के अंतर्गत आने वाले एैसे जाब कार्डधारी श्रमिकों को उनके अधिकारों के संबध में विस्तृत जानकारी प्रदान कर उनको सजग किया जाये,वह अपने कर्तव्य एवं अधिकारों को पहचान सकें। वहीं दूसरी ओर मेट को क्या करना है और क्या नहीं करना है की भी जानकारी प्रदान की जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले भर में 2 लाख 59 हजार पंजीकृत जाब कार्डधारी श्रमिक हैं जबकि 1 लाख 80 हजार सर्किय बतलाये जाते हैं।
आधुनिक तकनीक का प्रयोग-

डा.जगदीश जटिया
डा.जगदीश जटिया

उक्त प्रशिक्षण के दौरान जहां आकाशवाणी,दूरदर्शन के साथ वाटसअप,इंटरनेट यूटूब का सहारा लिया जा रहा है। जानकारी देने के साथ ही उक्त विषय को जन जन तक पहुंचाने के लिये भी आधुनिक तकनीकि का सहयोग लिया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार दोपहर में दो से सवा दो बजे तक आकाशवाणी एवं तीन बजे से दूरदर्शन पर प्रसारण किया जा रहा है।
अधिकार एवं कार्य-
सम्मेलनों के दौरान ग्राम पंचायतों में बांटे जा रहे पर्चों के अनुसार श्रमिकों को इक्कीस बिन्दुओं को दर्शाया गया है। जबकि मेट के लिये तीन भागों में क्रमश:बारह,चार एवं नो बिन्दुओं के तहत जानकारी प्रदान की जा रही है। सम्मेलनों में प्रमुखता से सरपंच,उपसरपंच,पंच,सचिव,उपयंत्री,रोजगार सहायक एवं संबधित अधिकारियों की उपस्थिति में श्रमिकों को उनके अधिकार बतलाये जा रहे हैं जिनका लाभ उपस्थित उठा रहे हैं। इसी क्रम में मेटों को क्या करना चाहिये,क्या नही करना चाहिये बतलाया जा रहा है।
किसका क्या है कहना-
-मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद के द्वारा 14 से 28 जुलाई तक प्रदेश के प्रत्येक ग्राम पंचायतों में श्रमिक सम्मेलनों का आयोजन करने निर्देश दिये गये हैं। इसके पीछे का उद्ेश्य श्रमिकों को उनके अधिकारों एवं मेटों को उनके द्वारा क्या किया जाना एवं क्या नहीं करना जानकारी देना है। इसमें पारंपरिक एवं आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है।
डा.रविन्द्र पस्तोर
आयुक्त
म.प्र.राज्य रोजगार गारंटी परिषद भोपाल
-जिले के प्रत्येक ग्राम पंचायतों में म.प्र.राज्य रोजगार गारंटी परिषद के निर्देश पर उक्त आयोजन चल रहे हैं। इस दौरान मनरेगा एक्ट के संदर्भ में प्राप्त अधिकारों की जानकारी श्रमिकों को दिलायी जा रही है।
स्वतंत्र कुमार सिंह
कलेक्टर 
-उक्त सम्मेलनों के लिये जिले भर के जनपद सीईओ,जनपद स्तर के अधिकारियों,परियोजना एवं अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी,सहायक यंत्रीयों को उपस्थित रहकर मार्नीटरिंग करने को कहा गया गया है। म.प्र.राज्य रोजगार गारंटी परिषद के आयुक्त के निर्देशों पर लगातार श्रमिकों को लाभाविंत कराने का कार्य किया जा रहा है।
डा.जगदीश जटिया
मुख्य कार्यपालन अधिकारी
जिला पंचायत
-श्रमिकों को अधिकारों,बैंक खातों तथा प्रदत्त अधिकारों के संबध में जागरूकता लाने के लिये लगातार उक्त आयोजनों के माध्यम से प्रयास किये जा रहे हैं। लगातार मानीटरिंग की जा रही है एवं आधुनिक तकनीकि का प्रयोग कर रिर्पोट मांगी एवं भेजी जा रही है।
विनोद जैन 
परियोजना अधिकारी
मनरेगा 

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