सरस्वती, लक्ष्मीपुत्र मिलकर करें कार्य तो हो राष्ट्रोत्थान

भारत विकास परिषद के कार्यक्रम में वक्ताओं ने रखे विचार
संपर्क,सहयोग,संस्कार,सेवा,सपर्मण साथ कार्य करने का संकल्प
2-डा. एल. एन. वैष्णव-  दमोह / राष्ट्रोत्थान एवं समाजसेवा के लिये सरस्वती एवं लक्ष्मी पुत्र एक साथ मिलकर कार्य करें तो हम उद्ेश्य को पूर्ण करते हैं इसलिये यह दोनो मिलकर कार्य करें भारत विकास परिषद का गठन किया गया यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सामाजिक समरसता मंच के प्रांत प्रमुख बहादुर सिंह ने कही। वह भारत रक्षा मंच की एक वृहद बैठक को संबोधित कर रहे थे। इन्होने कहा कि देश में विभिन्न प्रकार के संगठन कार्य कर रहे हैं परन्तु उनका उद्ेश्य एवं लक्ष्य क्या होता है किसी से छिपा नहीं है। सेवा के बदले धर्मान्तरण के अनेेक मामले प्रकाश में लगातार आते रहते हैं। भारत माता के पुत्रों के मन में लगातार कुछ न कुछ करने की लालसा रहती है एैसे सभी मिलकर भारत के विकास में सहयोग कर सकें इसी को लेकर संगठन कार्य करता है। अपने प्रेरणादायी उद्बोधन के दौरान श्री सिंह ने उपस्थितों के सामने अनेक जानकारियां भी रखीं। कार्यक्रम का शुभारंभ जिला संघचालक किशन जी साहु,भारत विकास परिषद के प्रांताध्यक्ष शशांक श्रीवास्तव,लखन लाल चौरसिया,पूर्व मंत्री डा.रामकृष्ण कुसमरिया,संजय गुप्ता सहित मंचासीन अतिथियों ने भारत माता के चित्र के समक्ष दीपप्रज्जवलन कर माल्यार्पण किया। इसी क्रम में परिषद की परंपरा के अनुसार वंदे मात्रम का गायन के साथ बैठक प्रारंभ की गयी। ज्ञात हो कि परिषद के गठन की पृष्ठ भूमि पर नजर डालें तो प्राप्त जानकारी के अनुसार 12 जनवरी 1963 को हुआ एवं साकार रूप में 10 जुलाई 1963 को आया था। प्रथम संरक्षक के रूप में सर्वोच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायाधीश एवं प्रसिद्ध विचारक वीपी सिन्हा एवं अध्यक्ष दिल्ली के पूर्व महापौर लाला हंसराज एवं महामंत्री का प्रथम दायित्व डा.सूरज प्रकाश ने निभाया। तब से लेकर देश में विभिन्न आपदाओं एवं संकटों के समय जहां इसके द्वारा कार्य किया गया तो वहीं समाज एवं राष्ट्रोत्थान के लिये लगातार कार्य किये जा रहे हैं।
किसने क्या कहा-
पूर्व मंत्री डा.कुसमरिया ने कहा कि संस्कार विहिनता के कारण नवयुवक पथ भ्रष्ट हो रहे हैं। परिवार संस्कार वान होगा तो समाज एवं राष्ट्रोत्थान होगा इसलिये परिवारों में इस प्रकार के संस्कारों की आवश्यकता होना चाहिये। अधुनिक तकनीकियों के साथ प्राचीन परंपराओं के साथ भी जुडा रहना आवश्यक है। परिषद लगातार सेवा के कार्य दशकों से कर रहा है इसका कार्य अब जिले में भी खडा हो रहा है जिसका लाभ जिले को भी मिलेगा। प्रांताध्यक्ष शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि देश हमें देता है सब कुछ हम भी तो कुछ देना सीखें के भाव को लेकर तथा  संपर्क,सहयोग,संस्कार,सेवा,सपर्मण के ध्येय वाक्य को दृष्टिगत रखते हुये हम लगातार कार्य कर रहे हैं।
कार्यकारणी का गठन-
भारत विकास परिषद की नवीन कार्यकारणी इसी बैठक में अस्तित्व में आ गयी। जिसमें हरिशंकर ठाकुर अध्यक्ष,किशोर अग्रवाल सचिव तथा राजेश शुक्ला , रवि मदान, लक्ष्मी अग्रवाल,प्रेमनारायण पटैल,मनोहर खत्री सहित सदस्यों को शपथ दिलायी गयी।

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