छतरपुर। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश धीरेंद्र सिंह की अदालत ने सिविल जज को 5 हजार रूपए की रिश्वत देने के प्रयास के मामले में आरोपिया को दोषी करार देकर कठोर कैद के साथ 10 हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई।
एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि राजनगर स्थित व्यवहार न्यायालय में दिनांक 4 अप्रैल 2013 को महेश कुमार झा सिविल जज पीठासीन अधिकारी के रूप में पदस्थ थे। इस न्यायालय में जनकियावाई अहिरवार निवासी मुड़ेरी उमरया का एक मामला चल रहा था। 4 अप्रैल 2013 को दिन के करीब डेढ़ बजे जब न्यायाधीश श्री झा न्यायालय में बैठकर कार्य कर रहे थे। तभी जनकियावाई पत्नि मथुरा अहिरवार ने आकर कागज में रखकर 5 हजार रूपए न्यायाधीश श्री झा को रिश्वत देने का प्रयास किया। न्यायालय द्वारा तत्काल पुलिस को बुलाकर मामला दर्ज कराया और एसडीओपी खजुराहो केसी नाहटा ने विवेचना उपरांत मामला अदालत के सुपुर्द कर दिया। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश धीरेंद्र सिंह की अदालत ने आरोपिया जनकियावाई को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 12 के तहत दोषी करार देकर 2 वर्ष की कठोर कैद के साथ 10 हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना की राशि अदा न करने पर छ: माह का अतिरिक्त कारावास भुगताया जावे। अदालत द्वारा जनकियावाई को तत्काल हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया। Santosh Gangele