भरत सेठ की गला दबाकर की थी हत्या
छतरपुर । चंद्रनगर निवासी भरत सेठ की हत्या के चर्चित मामले में प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश धीरेंद्र सिंह की अदालत ने आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई। आरोपी के खिलाफ 10 हजार का जुर्माना भी लगाया गया।
एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि चंद्रनगर निवासी राजेंद्र गुप्ता ने पुलिस में इस आशय की शिकायत दर्ज करायी थी कि दिनांक 2 सितम्बर 2010 को सुबह करीब साढ़े 4 बजे ट्रक क्रमांक एम.पी. 16 एच 0276 बालू लादकर टौरियाटेक बैरियल से निकल रहा था। टोरियाटेक बैरियल पर पप्पू उर्फ ओमप्रकाश पाठक निवासी धमना ने ट्रक के चालक लालमन से रूपयों की बसूली की कोशिश की। चालक ने पैसा देने से मना किया तो उसकी मारपीट की गयी। पप्पू पाठक ने चालक पर ट्रक मालिक भरत गुप्ता को बुलाने का दबाव डाला। भरत गुप्ता को उक्त सूचना मिलने पर वह अपने भाई राजेंद्र गुप्ता के साथ बाईक से सुबह साढ़े 5 बजे टौरियाटेक पहुंचा। मौके पर पप्पू पाठक अपने साथी संतोष साहू, गुड्डू लखेरा, कल्लू दुबे, मानिकचंद्र दीक्षित, लवकुशपाठक, भरत सिंह, संतोष सेन और कैलाश सिंह के साथ था। भरत गुप्ता की लाठी और लात-घूसों से मारपीट की गयी। राजेंद्र गुप्ता को आरोपी ने पकड़ लिया और पप्पू पाठक और लोकेश ने भरत गुप्ता के गले में तौलिया डालकर खींच दिया जिससे भरत गुप्ता की मौके पर ही मौत हो गयी। थाना बमीठा में आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया।
निरीक्षक आरके बंशल और डीएन राज ने मामले की विवेचना उपरांत मामला अदालत के सुपुर्द कर दिया। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश धीरेंद्र सिंह की अदालत ने मामले की अंतिम सुनवाई करते हुए आरोपी पप्पू उर्फ ओमप्रकाश पाठक को भरत गुप्ता की हत्या का दोषी करार दिया। न्यायाधीश श्री सिंह की अदालत ने आईपीसी की धारा 302 में उम्रकैद के साथ 10 हजार रूपए के जुर्माने की सजना सुनाई, साथ ही मामले के अन्य 8 सहआरोपियों को संदेह के आधार पर बरी कर दिया। अभियोजन की ओर मामले की पैरवी एजीपी ऋषि बिल्थरे ने की।
Santosh Gangele