नगर पालिका की दुकानों के टेंडर पर स्थगन,कलेक्टर ने दिये जांच के आदेश

करोडों के घोटाले में अनेक चर्चित लोगों के शामिल होने की चर्चा
नपा अध्यक्ष,पार्षद,तथाकथित चर्चित पत्रकारों के नाम भी आये चर्चा में
46-डा. एल. एन. वैष्णव- दमोह / गोपनीय तरीके चल रहे दुकानों के आवंटन तथा अपने चहेतों को उपकृत करने के मामले में जांच के आदेश जिले के कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह ने दे दिये हैं। कडोरों रूपयों की इस दुकानो को  बंदरबाट करने के मामले में नगर पालिका के चर्चित बिना चाबी का गुड्डा तथा मुख्यनगर पालिका अधिकारी सहित तथाकथित पत्रकारों के नाम भी सम्मिलित होने की इस समय चर्चा शहर ही नहीं अपितु राजधानी में गुंजने लगे हैं। स्थानीय नगर पालिका में प्रारंभ हुये उक्त बंदरबाट के खेल की जानकारी लोगों को कानो कान नहीं हो पायी क्योंकि इसमें हमाम में सब नंगे ही नंगे एकत्रित हो गये थे। जब जानकारी मिली तब तक आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि निकल चुकी थी और जिनको उपकृत करना था उनके नामों पर दांव खेला जा चुका था। प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त कडोरों की दुकानों के संबध में न तो किसी समाचार पत्र में विज्ञापन छपवाया गया और न ही इस संबध में नपा तथा कलेक्ट्रेड परिसर में चस्पा किये गये। गत देर रात्रि तक चले उक्त गोपनीय तरीके से होने वाले बंदरबांट में कडोरों रूपये के खेल की जानकारी जैसे जंगल में आग की तरह फैलने को लेकर अनेक ज्वलंत प्रश्रों को उपजते रहे।

क्या है मामला-
स्थानीय नगर पालिका के स्वामित्व वाली टाउन हाल परिसर में स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी मार्केट की 65 दुकानों का छत तथा जिला चिकित्सालय के सामने गुरू गोलवरकर मार्केट की प्रथम तल की 34 दुकानों को आवंटन किया जाना था। इसकी प्रक्रिया के तहत समस्त नियम कायदों को बलाये ताक पर रख रातों रात अंधा बांटे रेवडी चीन-चीन कर देय की कहावत को चरितार्थ कर दिया। जानकारों की माने तो उक्त दुकानों की कीमत कडोरों में बतलायी जाती है जिनमें जमकर बंदरबांट किया गया। सूत्रों की माने तो अपनों का उपकृत करने तथा विरोधियों के मुंह बंद करने की पूरी तैयारी की गयी है।
तथाकथित पत्रकारों भी सम्मिलित-
उक्त बंदरबांट में तथाकथित पत्रकारों को सम्मिलित किया गया जिसको लेकर गली-गली में मीडिया को खरीदने और बिकने की चर्चा व्याप्त है। सूत्रों के अनुसार चर्चित कुछ तथाकथित पत्रकारों द्वारा एक से अधिक दुकानों को लेकर आवंटन के लिये डीडी जमा की गयी है। सूत्रों की माने तो नगर पालिका अध्यक्ष तथा उक्त मामले में सम्मिलित पार्षद,मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगरीय निकाय के आम निर्वाचन की आर्दश आचार संहिता लगने के पूर्व ही कडोरों की गंगा में हाथ धोने का कार्य कर रहे हैं।
इनको होना है आवंटन-
प्राप्त जानकारी के अनुसार श्यामा प्रसाद मुखर्जी मार्केट में सामान्य वर्ग के लिये 26,अजा के लिये 13,अजजा के लिये 2 ,पिछडा वर्ग के लिये 10,विधवा व परित्यागता के लिये 2,विकलांग/भूतपूर्व सैनिक एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के लिये 1-1,शिक्षित बेरोजगार के लिये 3 एवं महिलाओं के लिये 6 दुकानों का आवंटन होना तय किया गया है। वहीं दूसरी ओर गुरू गोलवरकर मार्केट में सामान्य वर्ग के लिये 11,अजा के लिये 7,अजजा के लिये 1,पिछडा वर्ग के लिये 5,विधवा/परित्यागता/भूतपूर्व सैनिक,विकलांग,स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के लिये 1-1 ,शिक्षित बेरोजगार को 2 एवं महिलाओं को 4 दुकानों का आवंटन किया जाना है। उक्त दुकानों में ही बंदरबांट होने की बात सामने आ रही है।
ज्ञापनों के साथ पुतले फुंका और दिया धरना-
नगर पालिका की उक्त दुकानों की प्रक्रिया पर आपत्ति लगाते हुये भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा ने आपत्ति लगाते हुये जिले के कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह को जहां ज्ञापन सौपा तो वहीं नगर पालिका के सामने अध्यक्ष मनु मिश्रा,मुख्य नगरपालिका अधिकारी सुधीर सिंह का पुतला फुंका। इन्होने उक्त प्रक्रिया को रद्द करने के लेकर धरना,विरोध,प्रदर्शन भी किया। भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष प्रीतम सिंह लोधी के नेतृत्व में तथा जिला महामंत्री रमन खत्री की उपस्थिति में सैंकडों कार्यकर्ताओं ने सहभागिता की। इस अवसर पर प्रीतम सिंह,रमन खत्री,अमित बजाज,मनीष तिवारी सहित नेताओं ने उक्त प्रक्रिया पर रोक लगाने तथा षढयंत्र में सम्मिलितों पर कार्यवाही की मांग की। अपने उद्बोधन में अनेक आरोप लगाते हुये अपनी बात को रखा।
कलेक्टर ने लगायी रोक दिये जांच के आदेश-
प्राप्त जानकारी के अनुसार कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह ने उक्त मामले को लेकर तत्काल आवंटन की प्रक्रिया पर रोक लगाते हुये एसडीएम को जांच के आदेश दे दिये हैं। श्री सिंह के अनुसार आवंटन प्रक्रिया पर मेरी पूरी नजर है किसी प्रकार की गडबडी नहीं होने दी जायेगी। राजस्व की छति हो तथा किसी नेता या अधिकारी या उनके चहेतों को उपकृत किया जाये एैसा नहीं होने दिया जायेगा। वहीं एसडीएम मनोज कुमार सिंह का कहना है कि जांच प्रारंभ कर दी गयी है तथा आवंटन प्रक्रिया पर रोक लग चुकी है। 
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