अब आबाद होगा नोएडा एक्सटेंशन

ग्रेटर नोएडा। नोएडा एक्सटेंशन के निवेशकों के लिए शुक्रवार को बड़ी राहत देने वाली खबर आई। राष्ट्रीय राजधानी परिक्षेत्र (एनसीआर प्लानिंग बोर्ड) से ग्रेटर नोएडा के मास्टर प्लान 2021 को मंजूरी मिलने के बाद निवेशकों में खुशी दौड़ गई। बोर्ड के निर्णय से नोएडा एक्सटेंशन की बाधा काफी हद तक दूर हो गई है। अब सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में एक्सटेंशन के कुछ गावों के किसानों की याचिकाओं पर सुनवाई होना बाकी रह गया है। प्राधिकरण अधिकारी दावा कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से पक्ष रखा जाएगा। अधिकारियों को उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से भी प्राधिकरण को राहत मिलेगी। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के फैसले से नोएडा एक्सटेंशन के करीब एक लाख निवेशकों को राहत पहुंची है। मास्टर प्लान को बोर्ड से स्वीकृत न मिलने की वजह से नोएडा एक्सटेंशन समेत ग्रेटर नोएडा के एक दर्जन सेक्टरों में भूखंडों की रजिस्ट्री, नक्शा पास करना, निर्माण कार्य व कंप्लीशन का कार्य बंद पड़ा था। मास्टर प्लान मंजूर होते ही बिल्डर परियोजनाओं के साथ अन्य सेक्टरों में भी निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। निवेशकों को बिल्डर परियोजनाओं में बुक कराए गए फ्लैटों पर शीघ्र कब्जा मिलेगा।

किसानों को भी मिली राहत

मास्टर प्लान मंजूर न होने की वजह से किसानों की आबादी की बैकलीज व छह प्रतिशत भूखंडों का आवंटन रुका हुआ था। मास्टर प्लान स्वीकृत होते ही बैकलीज व छह प्रतिशत भूखंडों का आवंटन भी शुरू हो जाएगा। बिल्डर व अन्य योजनाओं के आवंटियों ने प्राधिकरण को किश्तों का भुगतान बंद करा दिया था। इससे प्राधिकरण की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई और किसानों को मुआवजा देने के लिए भी धनराशि नहीं बची। पिछले चार माह से मुआवजा वितरण ठप पड़ा है। बिल्डरों से किश्त मिलते ही प्राधिकरण किसानों को मुआवजा देना शुरू कर देगा। इस समय एडीएम एलए आफिस में करीब चार हजार किसानों की मुआवजे की फाइल लंबित पड़ी है।

दस हजार लोगों को मिलेगा रोजगार

एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की मंजूरी से नोएडा एक्सटेंशन के सिर्फ निवेशक और बिल्डरों को ही राहत नहीं मिलेगी, बल्कि हजारों लोगों को उनका रोजगार वापस मिलेगा। उनके लिए यह सौगात से कम न होगी। एक्सटेंशन में खड़े हुए अड़ंगे की वजह से तकरीबन 10 हजार लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा था। उनको नोएडा-ग्रेनो से पलायन करना पड़ा था। रोजगार का प्रबंध न होने के कारण अधिकाश को कई महीने तक खाली भी बैठना पड़ था। अब मंजूरी के बाद उनके चेहरे पर भी मुस्कान फैलना तय है। अपार्टमेंट व अन्य आवासीय स्कीमों के फिर से प्रारंभ होने पर नौकरी के अवसर भी बढ़ेंगे। नोएडा एक्सटेंशन प्रोजेक्ट शुरू होने के साथ ही तकरीबन 10 हजार लोगों को विभिन्न स्तर पर नौकरी मिली थी। इनमें मजदूर से लेकर अफसर स्तर के लोग शामिल थे।

निवेशकों की मेहनत रंग लाई

ग्यारह महीने से आशियाना को लेकर संघर्ष कर रहे एक लाख निवेशकों के लिए शुक्रवार का दिन राहत भरा रहा। मास्टर प्लान 2021 को मंजूर कराने की माग को लेकर निवेशकों ने शनिवार एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के अध्यक्ष व केंद्रीय शहरी विकास मंत्री कमलनाथ के घर का घेराव करने की चेतावनी दे रखी थी। निवेशकों के चेतावनी का असर रहा है कि एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री ने मास्टर प्लान को मंजूर कर दिया। नोएडा एक्सटेंशन में करीब एक लाख निवेशकों ने फ्लैट बुक करा रखे हैं। 21 अक्टूबर 2011 को हाईकोर्ट के आदेश में एक्सटेंशन में निर्माण कार्य बंद हो गया था। निर्माण कार्य बंद होते ही निवेशकों को गहरा धक्का लगा था। आशियाना का सपना लिए निवेशक अक्टूबर 2011 से लगातार संघर्ष करते आ रहे थे।

सुप्रीम कोर्ट पर टिकी निगाहें

ग्रेटर नोएडा एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से मास्टर प्लान 2021 मंजूर होने के बाद नोएडा एक्सटेंशन का रास्ता साफ हो गया है। अभी प्राधिकरण, बिल्डरों व निवेशकों के माथे पर एक शिकन रह गई है। वह है सुप्रीम कोर्ट का फैसला। हाईकोर्ट फैसले के खिलाफ किसानों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर रखी है। इस पर सुनवाई होनी है। एक्सटेंशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट का क्या रूख होगा? इसकी चिंता बनी हुई है। हालांकि प्राधिकरण का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष मजबूती से रखने का प्रयास किया जाएगा।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 21 अक्टूबर 2011 को जमीन अधिग्रहण को लेकर किसानों की याचिकाओं पर फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट ने प्राधिकरण को निर्देश दिया था कि 39 गांवों के किसानों को 64.7 फीसद अतिरिक्त मुआवजा व दस फीसद विकसित भूखंड दिए जाएं। कोर्ट ने प्राधिकरण को एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से मास्टर प्लान 2021 मंजूर कराने के बाद ही निर्माण कार्य शुरू करने का निर्देश दिया था। प्राधिकरण ने किसानों को 64.7 फीसद अतिरिक्त मुआवजा देना शुरू कर दिया था। 39 गांवों के करीब दस फीसद किसानों ने अतिरिक्त मुआवजा उठा लिया था। इन गांवों के कुछ किसान इस फैसले से राजी नहीं थे। उनका कहना था कि जमीन अधिग्रहण गलत हुआ है। हाईकोर्ट फैसले के खिलाफ 39 गांवों के करीब दो सौ किसानों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। किसानों की अपील सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इस पर सुनवाई की कोई तिथि निर्धारित नहीं है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट में अपील करने वाले ऐसे भी किसान शामिल है जिन्होंने हाईकोर्ट का फैसला स्वीकार करते हुए 64.7 फीसद अतिरिक्त मुआवजा उठा लिया है। अब इंतजार इस बात का है कि हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट का क्या फैसला होता है? प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में प्राधिकरण ने अपना पक्ष मजबूत से रखा है। इससे उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से भी न्याय मिलेगा। किसानों के वकील परमिंदर भाटी का कहना है कि जिन गांवों के किसानों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर रखी है, वहां पर फैसला आने तक निर्माण कार्य न शुरू किया जाए। प्राधिकरण ने निर्माण शुरू किया तो इसका विरोध किया जाएगा।

मेट्रो-नाइट सफारी चढें़गे परवान

दस माह बाद शहर की महत्वपूर्ण परियोजनाओं को संजीवनी मिल गई। शुक्रवार को एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के अध्यक्ष व केंद्रीय शहरी विकास मंत्री कमलनाथ ने मास्टर प्लान 2021 को मंजूरी दे दी। मंजूरी मिलने के साथ ही महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद जाग उठी है। नोएडा एक्सटेंशन में निर्माण कार्य शुरू होने पर प्राधिकरण को बिल्डर व आवंटियों से पैसे मिलने शुरू हो जाएंगे। पैसे आने पर अगर परियोजनाएं साकार होती है तो शहर के विकास की एक नई इबादत लिखी जाएगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय से दस माह से धन के अभाव में शहर में विकास कार्य ठप पड़े हुए थे।

नाइट सफारी परियोजना

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे मुरशदपुर गांव के पास प्राधिकरण ने 260 एकड़ में नाइट सफारी के लिए जमीन चिन्हित की थी। वर्ष 2005 में प्राधिकरण ने यह योजना तैयार की थी। एशिया का दूसरा व देश का पहला नाइट सफारी होगा। इस पर एक हजार करोड़ रुपये का खर्च प्रस्तावित है। परियोजना ने सभी बांधाओं को पार कर लिया है। सिर्फ निर्माण कार्य शुरू होने की देरी है। एक हजार करोड़ रुपये कहां से प्राधिकरण लाए, इसके लिए चलते अभी तक निर्माण नहीं शुरू हो पाया है। मास्टर प्लान मंजूर होने के साथ नाइट सफारी का सपना साकार हो सकता है।

मेट्रो रेल परियोजना

नोएडा से ग्रेटर नोएडा तक मेट्रो को लेने के लिए छह वर्षो से माथापच्ची चल रही है। नोएडा के सिटी सेंटर से नोएडा एक्सप्रेस-वे होकर मेट्रो को ग्रेटर नोएडा तक लाने की योजना तैयार हो चुकी है। परियोजना पर पांच हजार करोड़ रुपये का खर्च प्रस्तावित है। प्राधिकरण इस राशि की व्यवस्था कहां से करेगा, यह एक सवाल है? मेट्रो को नोएडा के सेक्टर-72 से नोएडा एक्सटेंशन होते हुए बोड़ाकी रेलवे स्टेशन तक ले जाने का प्रस्ताव है। नोएडा एक्सटेंशन में जमीन अधिग्रहण रद होने पर योजना भी प्रभावित हुई थी। अब इस परियोजना के शुरू होने की उम्मीद जागी है।

बोड़ाकी रेलवे स्टेशन का विस्तार

नोएडा व ग्रेटर नोएडा अभी तक रेलवे रूट से नहीं जुड़ पाया है। इसके लिए बोड़ाकी रेलवे स्टेशन का विस्तार करने की योजना चल रही है। योजना पर करीब 16 सौ करोड़ रुपये खर्च होने हैं। ऐसे में अब यह योजना शुरू होने की उम्मीद है।

दादरी रेलवे ओवर ब्रिज

दादरी क्षेत्र को ग्रेटर नोएडा फेस-दो के रूप में विकसित किया जा रहा है। विकास में सबसे बड़ी अचड़न दादरी रेलवे ओवरब्रिज है। इसके निर्माण की योजना चार साल पूर्व तैयार कर ली गई थी। इस पर करीब 60 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। अब ओवरब्रिज का निर्माण भी शुरू हो सकता है।

अपर गंगा कैनाल एक्सप्रेस वे

ग्रेटर नोएडा को सीधे देहरादून तक जोड़ने के लिए अपर गंगा कैनाल एक्सप्रेस-वे प्रस्तावित है। बोड़ाकी के पास 105 मीटर रोड से एक्सप्रेस-वे को जोड़ा जाना प्रस्तावित है। ऐसे में यह योजना भी शुरू हो सकती है।

गांव में शुरू होंगे विकास

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण गांवों का शहर की तर्ज पर विकास कार्य करा रहा है। वर्ष 2011-12 में गांव के विकास पर ढाई सौ करोड़ रुपये का खर्च प्रस्तावित है। 38 गांवों में विकास कार्य चल रहा था। खस्ता आर्थिक स्थिति के चलते इन गांवों में विकास कार्य ठप पड़े हैं। मास्टर प्लान मंजूर होने के बाद प्राधिकरण को विभिन्न योजनाओं से पैसे मिलने शुरू हो जाएंगे। अब गांवों में निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।

एजुकेशन हब का भी होगा एक्सटेंशन

एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की मंजूरी शिक्षा जगत के लिए भी बड़ी खबर है। इसके तहत ग्रेटर नोएडा के एजुकेशन हब का एक्सटेंशन होना लगभग तय है। जिन शैक्षिक संस्थान समूहों को एक्सटेंशन की टेंशन दूर होने का इंतजार था अब उनकी योजनाओं को पंख लगेंगे। आवासीय योजनाओं के विकास के साथ ही शैक्षिक संस्थान भी अस्तित्व में आएंगे। नोएडा एक्सटेंशन योजना के अस्तित्व में आने के साथ ही कुछ शैक्षिक समूहों ने एक्सटेंशन में एजुकेशन हब का सपना देखा था। उनकी सोच थी कि एक्सटेंशन में रहने वालों की आने वाली पीढ़ी के लिए शैक्षिक संस्थानों की आवश्यकता होगी। शिक्षा का भविष्य देखते हुए करीब आधे दर्जन एजुकेशनल ग्रुप में एक्सटेंशन में स्कूल से लेकर तकनीकी संस्थान तक के लिए भूमि आवंटित कराई। कुछ ने नींव तक रख दी थी। लेकिन एक्सटेंशन पर सामने आए बवाल में लगा कि योजना खटाई में पड़ जाएगी। अब एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को मंजूरी मिलने के बाद उनके उम्मीदें भी कुलाचें मारने लगी हैं।

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