अय्याशियों की सारी हदें पार कर चुका था कांडा

गोपाल कांडा की अय्याशी और रंगीन मिजाजी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने अपनी एमडीएलआर (मुरली धर लख राम) एयरलाइंस के चार विमानों के लिए 60 से अधिक एयरहोस्टेस को काम पर रखा था। जबकि सामान्य तौर एक विमान में चार से ज्यादा एयरहोस्टेस नहीं होती। इससे स्पष्ट है कि कांडा ने इतनी एयरहोस्टेसों को विमान के लिए नहीं बल्कि अपनी जिस्म की भूख शांत करने के लिए रखा हुआ था।

एक टाइम ऐसा भी था, जब एक हवाई जहाज पर करीब 50 एयर होस्टेस हो गई थीं। हालाकि, एयरलाइंस के पास तीन प्लेन थे, मगर इनमें से दो ज्यादातर खराब ही रहते थे। काडा ने एयरलाइंस की शुरुआत करीब 10 करोड़ रुपये में की थी।

एविएशन सेक्टर से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि एमडीएलआर एयरलाइंस को ऑपरेशनल करने का काम मार्च 2006 में शुरू हो गया था। लाइसेंस लेने और बाकी जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद इसकी फ्लाइट की शुरुआत 14 मार्च, 2007 को हुई थी। एयरलाइंस की अंतिम फ्लाइट का टेकऑफ 5 नवंबर 2008 को हुआ था। 5 नवंबर 2008 को एयरलाइंस की सर्विस सस्पेंड कर दी गई थी।

एयरलाइंस के लिए इंग्लैंड की कंपनी ब्रिटिश एयरो स्पेस से तीन एबरो रीजनल जेट लीज पर लिए गए थे। तीनों प्लेन पाच साल की लीज पर थे। हर प्लेन के लिए 30 लाख रुपये प्रति महीने इंग्लैंड की कंपनी को देना होता था। तीनों प्लेन 70 सीटर थे। शुरुआत में एक प्लेन आया था। इसके कुछ ही दिन बाद दूसरे और फिर नवंबर, 2007 में तीसरे प्लेन की डिलीवरी इंग्लैंड से दिल्ली कर दी गई थी। कंपनी का हेड ऑफिस गुड़गाव में बनाया गया और इसका चेयरमैन गोपाल कुमार गोयल था।

एयरलाइंस के प्रोफाइल में गोपाल गोयल काडा नहीं बल्कि गोपाल कुमार गोयल लिखा जाता था। सूत्रों के मुताबिक गोपाल गोयल हमेशा एयरलाइंस में एयर होस्टेस की भर्ती को ज्यादा तरजीह देता था। इसी का नतीजा था कि एयरलाइंस बंद होने के अंतिम दिनों में एक प्लेन के लिए 50 से भी ज्यादा एयर होस्टेस हो गई थीं।

शुरुआत में एयरलाइंस की ऑन टाइम परफॉर्मेस 95 फीसदी से ज्यादा थी। सितंबर, 2008 में एयरलाइंस स्टाफ में 250 का बेड़ा था और नवंबर में एयरलाइंस बंद कर दी गई थी।

इसके बंद होने के कई कारण बताए जाते हैं। इनमें ज्यादा एयर होस्टेस के साथ-साथ अंतिम दिनों में दिल्ली-गोवा रूट पर ऑपरेट होने वाली फ्लाइट्स में ज्यादा घाटा होना शामिल है। इन तमाम कारणों की वजह से काडा इस ओर ध्यान कम देने लगा था और एयरलाइंस को बंद कर दिया गया। एयरलाइंस की सर्विस चंडीगढ़, गोवा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, लखनऊ और कोलकाता जैसे डोमेस्टिक रूट्स पर थी।

सूत्रों ने बताया कि एयरलाइंस की सर्विस बंद होने के बाद इसे इंग्लैंड की कंपनी को वापस करते वक्त तीनों प्लेन की कंडीशन बहुत खराब थी। ऐसे में काडा ने तीनों हवाई जहाज को करीब 36 करोड़ रुपये में खरीद लिया था। अंतिम दौर में एमडीएलआर एयरलाइंस से तीनों की लीज पेमेंट भी इंग्लैंड की कंपनी को नहीं दी जा रही थी।

सूत्रों ने बताया कि एयरलाइंस जब शुरू हुई थी, तब इसकी डेली 4 से 6 फ्लाइट टेकऑफ होती थीं। काडा से एक बार किसी ने आसमान में एक हवाई जहाज उड़ते हुए देख कहा था कि तेरी सही जगह वह है। इसके बाद काडा अपनी एयरलाइंस शुरू करने के मकसद को पूरा करने में लग गया।

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