पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क 1.50 -1.50 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिया

Petrol pumpकच्चे तेल के लगातार गिरते दाम के लगातार गिरने बावजूद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी करने बजाय वित्तीय घाटे से चिंतित सरकार ने आज पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क 1.50 -1.50 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिया। इससे सरकार को 13,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व जुटाने में मदद मिलेगी। ध्यान देने की बात है कि कुछ दिनों पूर्व पाकिस्तान ने पेट्रोल की कीमतें 9 रुपये प्रति लीटर की की कमी की थी | पिछले दिनों में पेट्रोल-डीजल माँ  की कीमतों में कमी के बावजूद न तो सरकार ने रेल-बस एवं माल किराये मे कमी कर आम जनता को राहत देने की जरूरत नहीं समझी न ही टेक्सी-ओटो के किरायों में कमी करवाने के प्रयास किये , यह महगाई को कमी करने वाली सरकार की कथनी और करनी में अंतर को स्पष्ट करती है |

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के लगातार गिरते दाम से यह स्थिति बनी है। अगस्त के बाद से पेट्रोल के दाम लगातार छह बार घटे हैं जबकि पिछले एक महीने में डीजल के दाम दो बार घटे हैं। ऐसी संभावना थी कि इस सप्ताहांत दोनों ईंधनों के दाम में और कमी की जा सकती है।

लेकिन, अब जबकि सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए उत्पाद शुल्क में वृद्धि का निर्णय किया है तो संभावित कटौती का असर नहीं दिखेगा। सरकार की अधिसूचना के अनुसार सामान्य यानी बिना ब्रांड वाले पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 1.20 रुपये से बढ़ाकर 2.70 रुपये लीटर कर दिया गया है। वहीं सामान्य डीजल पर उत्पाद शुल्क 1.46 रुपये से बढ़ाकर 2.96 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है।

प्रीमियम यानी ब्रांडेड पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 2.35 रुपये से बढ़ाकर 3.85 रुपये लीटर तथा ब्रांडेड डीजल पर उत्पाद शुल्क मौजूदा 3.75 रुपये से बढ़ाकर 5.25 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। राजकोषीय घाटा बढ़ने से चिंतित सरकार ने हाल ही में अपने खर्चों में मित्तव्ययिता बरतने के लिए सरकारी अधिकारियों की विदेश यात्रा पर अंकुश लगाने सहित कई उपायों की घोषणा की है।

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