72 हजार करोड़ के कर्ज में दबे अदानी ग्रुप को कर्ज देकर कहीं फंस न जाए एसबीआई

sbiनई दि‍ल्‍ली। अदानी इंटरप्राइजेज और स्‍टेट बैंक ऑफ इंडि‍या (एसबीआई) के बीच 1 अरब डॉलर (करीब 6 हजार करोड़ रुपए) लोन के लि‍ए एमओयू साइन हुआ है। अदानी को यह लोन ऑस्‍ट्रेलि‍या में कोल माइन शुरू करने के लि‍ए दि‍या जा रहा है। यह अदानी के लि‍ए बड़ी जीत से कम नहीं है। इस लोन की मदद से कंपनी साल 2017 के अंत तक क्‍वींसलैंड में कारमाइकल माइन का शुरू कर सकती है। यह कि‍सी भारतीय बैंक द्वारा वि‍देशी प्रोजेक्‍ट के लि‍ए दि‍या गया सबसे बड़ा लोन है। अदानी ग्रुप की कुल नेटवर्थ करीब 27,000 करोड़ रुपए है। अब सवाल यही है कि‍ एसबीआई ने इतना बड़ा कर्ज ऐसी कंपनी को क्‍यों दि‍या जो पहले से ही कर्ज के बोझ में दबी हुई है।

अदानी पर कि‍तना है कर्ज का बोझ
30 सि‍तंबर 2014 तक कंपनी का लॉन्‍ग टर्म डेट 55,364.94 करोड़ रुपए है जबकि‍ शॉर्ट टर्म डेट 17,267.43 करोड़ रुपए है। इस हि‍साब से कंपनी पर कुल कर्ज 72,632.37 करोड़ रुपए हो चुका है। 31 मार्च 2014 तक कंपनी पर कुल कर्ज 64,979.04 करोड़ रुपए हो चुका है। इसका मतलब पि‍छले छह माह में कंपनी पर कुल कर्ज का बोझ 7,653.33 करोड़ रुपए बढ़ गया है।

कंपनी की कि‍तनी है नेटवर्थ
अदानी ग्रुप की कुल नेटवर्थ करीब 27,000 करोड़ रुपए है। अदानी इंटरप्राइजेज का नेटवर्थ 10034 करोड़ रुपए है, अदानी पावर का नेटवर्थ 7,787 करोड़ रुपए है जबकि‍ अदानी पोर्ट का नेटवर्थ 9,335 करोड़ रुपए है।

क्‍या अदानी चुका पाएंगी इतना बड़ा कर्ज
सबसे बड़ा सवाल यही है कि‍ क्‍या अदानी इंटरप्राइजेज इतने बड़े कर्ज का भुगतान करने में सक्षम है। इसके लि‍ए कंपनी के बीते चार ति‍माहि‍यों के परि‍णामों पर एक नजर डालनी पड़ेगी और यह देखना पड़ेगा कि‍ कंपनी का इंटरेस्‍ट कवरेज रेश्‍यो कैसा है। इंटरेस्‍ट कवरेज रेश्‍यों को ब्‍याज से पहले की कमाई, टैक्‍स को भाग करके नि‍काला जाता है।
पि‍छले साल ति‍माहि‍यों में कंपनी का कुल ऑपरेटिंग प्रॉफि‍ट 8,999.92 करोड़ रुपए रहा। कर्ज पर कंपनी ने 5,733.77 करोड़ रुपए का ब्‍याज दि‍या है। इसका मतलब कंपनी का इंटरेस्‍ट कवरेज रेश्‍यो करीब 1.57 रहा। इंवेस्‍टोपीडि‍या डॉट कॉम के मुताबि‍क, जि‍स कंपनी का रेश्‍यो कम रहता है उस पर कर्ज का खर्च उतना ही ज्‍यादा रहता है। जब एक कंपनी का इंटरेस्‍ट कवरेज रेश्‍यो 1.5 या उससे कम हो तो उसकी ब्‍याज खर्च की भुगतान क्षमता पर सवाल खड़े हो जाते हैं।
31 मार्च 2014 के अंत तक तीन माह की अवधि‍ के लि‍ए इंटरेस्‍ट कवरेज रेश्‍यो 2.67 पर था। वहीं, 30 जून 2014 के अंत तक यह आंकड़ा 1.58 हो गया। इसके बाद, 30 सि‍तंबर 2014 के अंत तक यह 1.12 पर पहुंच गया।
यहां देखा जा सकता है कि‍ वि‍त्‍त वर्ष के दौरान कंपनी की कर्ज पर ब्‍याज भुगतान क्षमता तेजी से घटती जा रही है। इंवेस्‍टोपीडि‍या डॉट कॉम के मुताबि‍क, कंपनी का इंटरेस्‍ट कवरेज रेश्‍यो 1 से कम होता है तो इसका मतलब उसके पास ब्‍याज का खर्च उठाने के लि‍ए पर्याप्‍त रेवेन्‍यू नहीं है।

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