नगरीय निकाय निर्वाचन के तहत चुनावी युद्ध की बिछात बिछी

जिले की पांच सीटों के लिये दो चरणों में दो मशीनों से मतदान
फिलहाल एमसीएमसी की नजर सोशल मीडिया पर नहीं
निर्देश नहीं हुये प्राप्त उपजिलानिर्वाचन अधिकारी ने कहा
प्रत्यक्ष कुछ अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान पहुंचाने का प्रयास
urban-body elections-डा. एल. एन. वैष्णव- दमोह / मध्यप्रदेश में चल रही नगरीय निकाय आम निर्वाचन प्रक्रिया के चलते जहां एक ओर राजनैतिक दलों के रणनीतिकारों द्वारा रणनीति बनाकर मैदान में अपने-अपने प्रत्यासियों को विजयी बनाने के लिये प्रयासरत हैं । वहीं दूसरी ओर जिला निर्वाचन अधिकारी स्वतंत्र कुमार के निर्देशन में सरकारी तंत्र अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगा हुआ है। ज्ञात हो कि जिले की नगरपालिका दमोह/हटा एवं नगर परिषद पथरिया/हिण्डोरिया/तेन्दूख़ेडा में मतदान केन्द्रों का भौतिक सत्यापन कराया जाकर अंतिम रूप दिया जा चुका है। आयोग के निर्धारित कार्यक्रम अनुसार गत 05 नवम्बर को निर्वाचन की सूचना के प्रकाशन के साथ मतदान केन्द्रों की सूची का प्रकाशन किया जा चुका है।
कहां कितने और कौन मैदान में-
नगरपालिका दमोह के अध्यक्ष एवं पार्षद पद के लिये अभ्यर्थियों द्वारा प्रस्तुत किये गये नाम निर्देशन पत्रों में अध्यक्ष पद के लिये 11 अभ्यर्थियों द्वारा नामनिर्देशन पत्र प्रस्तुत किये गये। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिसमें से 01 नाम संवीक्षा के दौरान खारिज एवं 03 नाम पत्र अभ्यर्थियों द्वारा वापिस उपरांत शेष 07 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है। वहीं दूसरी ओर पार्षद पद हेतु 206 अभ्यर्थियों द्वारा नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत किये गये। जिसमें से 07 नाम संवीक्षा में खारिज एवं 54 नाम निर्देशन पत्र अभ्यर्थियों द्वारा वापिस उपरांत शेष 144 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है। निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार वार्ड क्रमांक 24 में 01 अभ्यर्थी होने से निर्विरोध निर्वाचित हुआ।
नगरपालिका हटा के अध्यक्ष एवं पार्षद पद के लिये अभ्यर्थियों द्वारा प्रस्तुत किये गये नाम निर्देशन पत्रों में अध्यक्ष पद हेतु 08 अभ्यर्थियों द्वारा नामनिर्देशन पत्र प्रस्तुत किये गये। जिसमें से कोई भी नाम निर्देशन पत्र संवीक्षा के दौरान खारिज नही हुआ एवं 05 नाम निर्देषन पत्र अभ्यर्थियों द्वारा वापिस उपरांत शेष 03 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है। पार्षद पद हेतु 65 अभ्यर्थियों द्वारा नामनिर्देषन पत्र प्रस्तुत किये गये। जिसमें से 01 नाम निर्देशन पत्र संवीक्षा के दौरान खारिज एवं 27 नाम निर्देषन पत्र अभ्यर्थियों द्वारा वापिस उपरांत शेष 38 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है।
इसी प्रकार नगरपालिका पथरिया के अध्यक्ष एवं पार्षद पद हेतु अभ्यर्थियों द्वारा प्रस्तुत किये गये नाम निर्देशन पत्रों में अध्यक्ष पद हेतु 11 अभ्यर्थियों द्वारा नामनिर्देशन पत्र प्रस्तुत किये गये। जिसमें से 01 नाम संवीक्षा के दौरान खारिज हुआ एवं 05 नाम अभ्यर्थियों द्वारा वापिस उपरांत शेष 05 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है। पार्षद पद हेतु 86 अभ्यर्थियों द्वारा पत्र प्रस्तुत किये गये। जिसमें से 02 नाम पत्र संवीक्षा के दौरान खारिज एवं 32 नाम निर्देशन पत्र अभ्यर्थियों द्वारा वापिस उपरांत शेष 52 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है।
इसी प्रकार नगरपालिका हिण्डोरिया के अध्यक्ष एवं पार्षद पद हेतु अभ्यर्थियों द्वारा प्रस्तुत किये गये नाम निर्देषन पत्रों में अध्यक्ष पद हेतु 05 अभ्यर्थियों द्वारा नामनिर्देशन पत्र प्रस्तुत किये गये। जिसमें से नाम निर्देशन पत्र संवीक्षा के दौरान खारिज नही हुआ एवं 01 नाम निर्देशन पत्र अभ्यर्थियों द्वारा वापिस उपरांत शेष 04 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है। पार्षद पद हेतु 49 अभ्यर्थियों द्वारा नामनिर्देषन पत्र प्रस्तुत किये गये। जिसमें से नाम निर्देषन पत्र संवीक्षा के दौरान खारिज नही हुआ एवं 08 नाम निर्देषन पत्र अभ्यर्थियों द्वारा वापिस उपरांत शेष 39 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है। जानकारी के अनुसार वार्ड 04 एवं वार्ड 13 में निर्विरोध निर्वाचन हुआ।
वहीं नगरपालिका तेन्दूख़ेडा के अध्यक्ष एवं पार्षद पद हेतु अभ्यर्थियों द्वारा प्रस्तुत किये गये नाम निर्देशन पत्रों में अध्यक्ष पद हेतु १५ अभ्यर्थियों द्वारा नामनिर्देशन पत्र प्रस्तुत किये गये। जिसमें से 01 नाम निर्देशन पत्र संवीक्षा के दौरान खारिज हुआ एवं 10 नाम निर्देशन पत्र अभ्यर्थियों द्वारा वापिस उपरांत शेष 04 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है। पार्षद पद हेतु 59 अभ्यर्थियों द्वारा नामनिर्देशन पत्र प्रस्तुत किये गये। जिसमें से 03 पत्र संवीक्षा के दौरान खारिज एवं 14 नाम अभ्यर्थियों द्वारा वापिस उपरांत शेष 41 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है। जानकारी के अनुसार वार्ड क्रमांक 07 में निर्विरोध निर्वाचन हुआ।
कहां कितने वार्ड-मतदान केन्द्र-
जिला निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार नगरपालिका परिषद दमोह के 39 वार्डो में 109 केन्द्र, नगरपालिका परिषद हटा के 15 वार्डो में 27 केन्द्र, नगर परिषद पथरिया के 15 वार्डो में 18 केन्द्र, नगर परिषद हिण्डोरिया के 15 वार्डो में 15 केन्द्र तथा नगर परिषद तेन्दूख़ेडा के 15 वार्डो में 16 केन्द्र स्थापित किये गये हैं।
बागी बिगाड सकते हैं खेल-
उक्त नगरीय निकाय के आम निर्वाचन की प्रक्रिया के चलते दो प्रमुख दलों के मध्य मुकाबला हो रहा है। पूर्व में यह मुकाबला त्रिकोणी होने की संभावना थी परन्तु किन्नर बहार बाई जिन्होने समाजवादी पार्टी से अपना नाम निर्देशन पत्र दमोह नगर पालिका अध्यक्ष पद हेतु भरा था। संविक्षा के दौरान निरस्त हो गया और इसके पश्चात् भारतीय जनता पार्टी की ओर से दमोह में श्रीमती मालती असाटी हैं तो उनके सामने हैं कांगे्रस की श्रीमती चमेली रतन चंद्र जैन।
इस चुनाव में बागियों के खेल बिगाडने की पूरी आशंका व्यक्त की जा रही है? जिसमें दोनो प्रमुख राजनैतिक दलों के रूष्ट कार्यकर्ताओं के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से गणित बिगाडने का कार्य किया जा सकता है? विदित हो कि वर्तमान में कांग्रेस का कब्जा दमोह नगर पालिका पर है वह अपना कब्जा बरकरार रखना चाहती है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी इस पर काबिज होना चाहती है। जानकारी के अनुसार अनेक वार्ड एैसे हैं जहां दोनो दलों के प्रत्यासियों की हालत दयनीय बतलायी जाती है।
सोशल मीडिया पर अभी नजर नहीं-
उक्त निर्वाचन की प्रक्रिया के चलते सोशल मीडिया में हो रहे प्रचार प्रसार के संबध में समाचार पत्र के इस प्रतिनिधि द्वारा पूछने पर कि क्या एमसीएमसी की नजर इस पर रहेगी। इस पर उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती कुसरे ने कहा कि इस संबध में कोई दिशा निर्देश अभी प्राप्त नहीं हुये हैं। विदित हो कि सोशल मीडिया पर लगभग देश में 10 करोड से अधिक मतदाता हैं। सोशल मीडिया का प्रयोग माईक के लालों ने गत लोकसभा एवं विधान सभा चुनाव में जमकर किया था। इसका प्रयोग वर्तमान में नगरीय निकाय निर्वाचन में भी हो रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार निर्वाचन आयोग की नजर गत चुनाव में रही थी एवं नगरीय निकाय के चुनाव में भी रहेगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार गत लोकसभा चुनाव के समय ही उक्त महत्वपूर्ण बिन्दु पर नजर रखने निर्देश जारी किये गये थे। परन्तु उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती कुसरे का जिला निर्वाचन अधिकारी श्री सिंह की उपस्थिति में दी गयी उक्त जानकारी कि सोशल मीडिया पर निगरानी के निर्देश प्राप्त नहीं हुये हैं पश्र उपजा रहा है?
क्या हैं चुनाव आयोग के निर्देश –
प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय संविधान की धारा 324 के अंतर्गत भारत निर्वाचन आयोग पर स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव संपन्न करवाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए आयोग ने दिशा-निर्देश तैयार किये हैं। आयोग द्वारा दिये गये पूर्व में आदेश के अनुसार कि पूर्व प्रमाणीकरण के बिना इंटरनेट एवं सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर किसी भी राजनैतिक विज्ञापन का प्रसारण न हो। हालांकि 2014 के चुनाव को लेकर सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग और इसके प्रभाव पर चुनाव आयोग भी अपनी नजर रखने का फैसला लिया है। आयोग के मुताबिक सोशल मीडिया पर होने वाला खर्च भी संबंधित राजनीतिक दलों के खर्च में जोड़ा जाएगा। जिसके लिए 2004 में आए अदालत के फैसलों को एक विस्तृत गाइड लाइन का आधार बनाया है, जिसमें यह सुनिश्चित करना भी शामिल है कि सोशल वेबसाइट के जरिये होने वाले खर्च को संबंधित राजनीतिक पार्टी के खर्च में शामिल किया जाए। इसके लिए चुनाव आयोग ने इन वेबसाइट्स पर निगरानी भी बढ़ा दी है। इसके लिए कुछ टीमें भी बनाई गई हैं, जो राजनीतिक दलों और इनके नेताओं की गतिविधियों पर नजर रखेंगी। यह फैसला एक खुलासे के बाद लिया गया है जिसमें यह दावा किया गया था कि गूगल हैंगआउट के जरिये हर पार्टी के नेता अपनी बात मतदाताओं तक पहुंचाने के साथ-साथ पार्टी के लिए फंड जुटाने में भी लगे हैं। सियासी दलों के कई नेता माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर भी मौजूद हैं और इसके जरिये भी वह अपनी बातें समय-समय पर लोगों तक पहुंचाते रहते हैं। यूट्यूब के माध्यम से भी राजनेता अधिक से अधिक मतदाताओं के करीब पहुंचने की कवायद में लगे रहते हैं।

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