नई दिल्ली: वर्ल्ड टॉयलेट डे (19 नवंबर) के मौके पर संयुक्त राष्ट्र ने बताया है कि दुनिया के 2.5 अरब लोगों के पास साफ-सफाई से जुड़ी सहूलियतें, मसलन टॉयलेट का अभाव है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक खुले में शौच करने वालों की सबसे ज्यादा संख्या भारत में ही है। भारत की कुल आबादी करीब सवा अरब है। इनमें से करीब 60 करोड़ लोग आज भी खुले में शौच के लिए जाने को मजबूर हैं। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी आंकड़े बेहतर हैं, जहां सिर्फ 4 करोड़ 10 लाख लोग खुले में शौच करते हैं। यानी भारत से 15 गुना कम। इंडोनेशिया में 5 करोड़ 40 लाख और चीन में 1 करोड़ ऐसे लोग हैं। पूरी दुनिया की बात करें तो करीब 1 अरब लोग खुले में शौच जाते हैं।
भारत में टॉयलेट का नहीं होना बड़ी समस्या है। इसकी वजह से महिलाएं अपनी जिंदगी में अलग-अलग तरह की मुश्किलें झेलती हैं। सामाजिक अभियान से जुड़ी फोटोग्राफी कराने वाली एजेंसी पेनोस पिक्चर्स ने वर्ल्ड टॉयलेट डे के मौके पर कुछ ऐसी तस्वीरें पेश की हैं, जिनमें दुनिया भर की महिलाओं और लड़कियों को उनके टॉयलेट के साथ शूट किया गया है। इन तस्वीरों के जरिए टॉयलेट की वजह से इनकी जिंदगी में आई मुश्किलों और बदलाव की कहानी बताने की कोशिश की गई है। कुछ ऐसी ही भारतीय कहानियां ये रहीं:
गीता
यूपी के कटरा में रहने वाली गीता हर रोज सुबह और शाम करीब 6 किमी चलती हैं, ताकि खेतों में टॉयलेट के लिए जा सकें। मई 2014 में इनके आसपास रहने वाली दो लड़कियां शौच के लिए बगल के खेत में गई थीं। अगले दिन दोनों का शव मिला। उनके साथ बलात्कार करके शवों को पेड़ से टांग दिया गया था।
सरिता देवी
यूपी के इटावा की रहने वाली सरिता देवी के घर में टॉयलेट की सुविधा नहीं है और उन्हें शौच के लिए पास के खेत में जाना पड़ता है। ये पल उनके लिए बेहद शर्मनाक साबित होते हैं। पुरुष उन पर पत्थर फेंकते हैं, गालियां देते हैं और अश्लील टिप्पणियां करते हुए गाना गाते हैंं।