जयपुर, राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर ने मौखिक सेवासमाप्ति आदेश अपास्त करते हुए अपीलार्थी को पारिणामिक लाभो सहित सेवा में बहाल करने के आदेश प्रत्यर्थी संस्था प्रबन्ध समिति, राजस्थान इन्स्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नॉलोजी, भांकरोटा, जयपुर को दिया। उल्लेखनीय है कि अपीलार्थी ओम प्रकाश शर्मा की सर्वप्रथम प्रयोगशाला तकनीशियन (भौतिक शास्त्र) के पद पर दिनांक 1-7-2001 को राजस्थान पत्रिका समाचार पत्र दिनांक 22-4-2001 अंक में प्रकाशित विज्ञप्ति के अनुसरण में नियमानुसार चयनित हुआ उसने दिनांक 2-4-2002 को मौखिक सेवा समाप्ति आदेश पारित होने तक इसी पद पर कार्य किया था उसके कार्य से कभी भी उच्चाधिकारियों को कोई शिकायत नहीं हुई बल्कि उसने स पूर्ण क्षमता के साथ ईमानदारीपूर्वक कर्तव्य का निर्वहन किया अपीलार्थी ने अपने अधिवक्ता डी पी शर्मा के माध्यम से अधिकरण के समक्ष अपील प्रस्तुत कर मौखिक सेवा मुक्ति आदेश को चुनौती दी अपीलार्थी के अधिवक्ता का तर्क था कि मौखिक आदेश के द्वारा सेवा समाप्ति से पूर्व सुनवाई का कोई अवसर अपीलार्थी को नहीं दिया गया जिसके कारण आदेश विधि विरूद्ध एवं मनमाना जाहिर होता है इस प्रकार जब अपीलार्थी एक वर्ष की अवधि हेतु नियुक्त किया गया तो उससे पूर्व सेवा समाप्त करने की सूरत में नियुक्ति का अनुमोदन करने हेतु सक्षम प्राधिकारी के पूर्व अनुमोदन से प्रबन्ध समिति उसे सेवामुक्त कर सकती थी एवं किसी छात्रा द्वारा लगाये गये आरोपो के कलंकात्मक पाये जाने से राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था नियम 1993 के नियम 39 (2) में वर्णित प्रक्रिया का अनुसरण किया जाना भी आवश्यक था अपीलार्थी को सेवा समाप्ति करने की सूरत में एक माह की अवधि का नोटिस अथवा इस अवधि का वेतन दिये जाने की आवश्यकता थी जिसकी पालना भी प्रत्यर्थीगण द्वारा नहीं की गई । मामले की सुनवाई के पश्चात अधिकरण ने मौखिक सेवा समाप्ति आदेश दिनांक 2-4-2002 अपास्त करते हुए अपीलार्थी को पारिणमिक लाभो सहित सेवा में बहाल करने के आदेश प्रत्यर्थी संस्था को दिये
डी पी शर्मा
एडवोकेट
मो. नं. 9414284018