पीएम के निर्देश पर खदानों की आवंटन प्रक्रिया रोकी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कोल ब्लॉक आवंटन पर कैग रिपार्ट से मचे सियासी महासंग्राम के मद्देनजर सभी तरह कीखदानों की आवंटन प्रक्रिया को रोक दिया है।


प्रधानमंत्री ने खान राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार दिनशा पटेल को किसी भी तरह के खनिजों से जुड़ी खदानों का आवंटन नहीं करने का निर्देश दिया है। साथ ही खनिज संपदाओं से जुड़े खदानों के आवंटन के मामले में अटार्नी जनरल से कानूनी सलाह मांगी गई है।

इतना ही नहीं, समझा जाता है कि पीएम ने नए कोल ब्लॉक आवंटन की पहल को भी विवाद का समाधान निकलने तक ठंडे बस्ते में डालने का कोयला मंत्रालय को निर्देश दे दिया है।

सूत्रों के अनुसार कैग रिपोर्ट की वजह से सवालों में घिरी मौजूदा खदान आवंटन नीति में खानों का नया आवंटन न हो यह सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री ने खान मंत्रालय से खदानों के आवंटन की प्रक्रिया पर ब्रेक लगाने को कहा है। इस क्रम में खान मंत्रालय को अटार्नी जनरल की कानून राय के साथ साथ संसद में लंबित खनन विधेयक के पारित होने तक आगे नहीं बढ़ने की सलाह भी दी गई है।

खान मंत्रालय से कहा गया है कि बेहतर होगा कि संसद से खनन विधेयक पारित हो जाए तो नए कानून प्रावधानों के हिसाब से आवंटन को आगे बढ़ाया जाए। जाहिर तौर पर सरकार कोल ब्लॉक कैग रिपोर्ट की मौजूदा चुनौतियों को देखते हुए खनिजों से जुड़ी खदानों के आवंटन का जोखिम मोल नहीं लेना चाहती।

खान मंत्री पटेल ने भी इस बात की पुष्टि की है कि अटार्नी जनरल की सलाह लेने के लिए खनिज खानों के आवंटन की प्रक्रिया को फिलहाल रोका गया है। सूत्रों के मुताबिक इसी तरह प्रधानमंत्री ने कोयला मंत्रालय को भी 54 प्रस्तावित नए कोल ब्लॉकों के आवंटन की प्रक्रिया को पूरी तरह ठंडे बस्ते में डालने को कह दिया है।

कैग रिपोर्ट में कोल ब्लॉकों के आवंटन की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए जाने के बाद सरकार अब पहले आओ पहले पाओ की नीति पर किसी सूरत में अमल नहीं करेगी। इसीलिए जब तक कोल ब्लॉक आवंटन के गहराए विवाद के बीच नई आवंटन पालिसी नहीं बन जाती तब तक इन कोल ब्लॉकों का आवंटन नहीं हो पाएगा।

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