गड़बड़ी के आरोप गलत: मनमोहन सिंह

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कोयला आवंटन मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि इस मामले में गड़बड़ी के सारे आरोप गलत हैं और कैग की रिपोर्ट विवादास्पद जिसे चुनौती दी जाएगी.

संसद से बाहर प्रधानमंत्री ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ मैं देश को ये आश्वासन देना चाहता हूं कि हमारा पक्ष बिल्कुल सही है. कैग की रिपोर्ट विवादास्पद है और जब ये रिपोर्ट संसदीय लेखा समिति के सामने आएगी तो हम उसे चुनौती देंगे. हम विपक्ष से आग्रह करते हैं कि संसद चलने दें ताकि जनता ये फैसला करे कि कौन सही है और कौन ग़लत.’’

पिछले चार दिनों से प्रधानमंत्री के इस्तीफ़े की मांग को लेकर विपक्ष संसद नहीं चलने दे रही है. इस मुद्दे पर सोमवार को भी जब प्रधानमंत्री ने बयान रखा तो भारी शोर शराबा हुआ.

प्रधानमंत्री ने संसद के बाहर आकर कहा, ‘‘ मेरा रवैय्या यही रहा है कि मैं आधारहीन बार बार लगाए जा रहे आरोपों पर नहीं बोलता हूं. मेरा रुख रहा है कि हज़ारों जवाबों से अच्छी है मेरी खामोशी, न जाने कितने सवालों की आबरु रखती है.’’

हालांकि मनमोहन सिंह ने ये भी कहा कि वो इस मुद्दे पर अपनी बात रखना चाहते थे. उनका कहना था, ‘‘ ये एक बड़ा मुद्दा था और मैं पूरे देश के सामने, संसद के सामने अपना पक्ष रखना चाहता था. मुझे दुख है कि विपक्ष ने मुझे अपनी बात नहीं रखने दी.’’

शोर शराबे के बीच बयान

प्रधानमंत्री ने भारी शोर शराबे के बीच लोकसभा में अपना बयान पढ़ा जिसे सुना जा सकना असंभव था.

प्रधानमंत्री कार्यालय के ट्विटर पर इस बयान के कुछ अंश जारी किए गए जिसके अनुसार प्रधानमंत्री ने कहा है कि अनियमितताओं के आरोप निराधार बिना किसी सबूत के हैं.

उनका कहना था, ”मैं संसद के सदस्यों को आश्वस्त करना चाहूंगा कि इस कार्यालय के प्रभारी के तहत, मैं पूरी ज़िम्मेदारी लेता हूं मंत्रालय के फैसलों की. ”

प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि कैग की टिप्पणियां विवादित हैं और उस पर बहस हो सकती है.

प्रधानमंत्री के बयान पढ़ने के पूरे समय लोकसभा में भारी शोर शराबा होता रहा लेकिन प्रधानमंत्री चुप नहीं हुए और उन्होंने अपना पूरा बयान पढ़ा.

इसके बाद कई विधेयक भी लोकसभा में रखे गए लेकिन ये स्पष्ट नहीं है कि कौन से विधेयक पारित हुए क्योंकि विपक्ष पूरे समय शोर शराबा करता रहा..

स्पष्ट है कि विपक्ष प्रधानमंत्री का बयान सुनना नहीं चाहता है और वो इस्तीफे की मांग पर अड़ा है जबकि यूपीए सरकार किसी बी शर्त पर प्रधानमंत्री के इस्तीफे के लिए राज़ी नहीं हो रही है.

संसद का काम ठप

सोमवार को भी जब प्रश्न काल शुरु हुआ तो विपक्ष ने प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग जारी रखी और प्रश्न काल चलने नहीं दिया. संसद के दोनों सदन 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिए गए हैं. 12 बजे प्रधानमंत्री कोयला आवंटन मामले पर बयान देने वाले हैं.

हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि विपक्ष प्रधानमंत्री को बयान देने भी देगा या नहीं.

संसदीय कार्य मंत्री राजीव शुक्ला ने एक बयान देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री कोयला मामले पर संसद के दोनों सदनों के सामने बयान देंगे.

उल्लेखनीय है कि कोयला आवंटन मामले में विपक्ष लगातार प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करता रहा है और सत्ता पक्ष कहता रहा है कि वो इस मुद्दे पर बहस के लिए तैयार है.

अभी विपक्ष की रणनीति के बारे में कोई बयान नहीं आया है लेकिन मामला अत्यंत गंभीर होता जा रहा है क्योंकि पिछले चार दिन से संसद का एक भी सत्र नहीं इस बीच संसद की बैठक से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली थी लेकिन खबरें है कि इस बैठक में सिर्फ बीजेपी के सांसद ही शामिल हुए हैं.

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री कल ईरान के लिए रवाना होने वाले हैं और इससे पहले उन्हें कोयला मामले पर स्थिति स्पष्ट करनी होगी ताकि संसद की कार्यवाही चल सके.

 

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