हरियाणा को रेल नहीं तो राज्यसभा सीट छोड़े रेल मंत्री : अशोक तंवर

तंवर बोले, हरियाणा के लिए निराशाजनक और अर्थव्यवस्था के लिए नकारात्मक बजट
पृथक राज्य बनने के बाद हरियाणा के लिए सबसे बुरा बजट
बीजेपी सांसद और विधायक पार्टी प्लेटफार्म पर भी मांगे रेल मंत्री से इस्तीफा
trainगुडग़ांव। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डा. अशोक तंवर ने वर्ष 2015-16 के रेल बजट को हरियाणा ही नहीं बल्कि देश के लिए निराशाजनक और अर्थव्यवस्था के लिए नकारात्मक बताया। इस बजट ने साबित कर दिया कि सरकार का काम देश की जनता के हितों से किसी प्रकार का लेना-देना नहीं बल्कि पूंजीपतियों के हितों को साधना रह गया है। डा. अशोक तंवर ने यह प्रतिक्रिया आज रेल बजट 2015-16 की घोषणा होने के उपरांत दी। उन्होंने बजट में प्रदेश की अनदेखी के लिए केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु से तुरंत हरियाणा की राज्यसभा सीट छोडऩे की मांग की है।
डा. तंवर ने अपने ट्विटर हैंडल पर रेल मंत्री से इस्तीफा मांगते हुए कहा कि हम हरियाणा के लोग रेल मंत्री और उनकी सरकार से यह पूछना चाहते है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में रेल के विकास को लेकर हरियाणा में जो माहौल बना था वर्तमान सरकार ने उस माहौल को निराशा में बदल दिया है। यूपीए सरकार के समय हरियाणा में करीब 33 वर्षों के उपरांत रेवाड़ी-झज्जर-रोहतक के बीच रेल सेवा आरंभ हुई। सोनीपत और सांपला में रेल कोच व बट वैल्डिंग फैक्ट्री के साथ-साथ राष्ट्रीय राजमार्ग दस पर रोहतक से हिसार तक सीधी रेल लाइन का काम शुरू हुआ। देश के पिछड़े इलाकों में शामिल मेवात को दिल्ली से रेल मार्ग से जोडऩे की योजना को मंजूरी मिली। सिरसा से हिसार वाया अग्रोहा-फतेहाबाद, चण्डीगढ़ से नारायणगढ़ जैसे मार्गों को मंजूरी मिलने का काम यूपीए सरकार की देश के विकास को लेकर सकारात्मक सोच का परिचय देता है। वर्तमान सरकार के देश में अच्छे दिन लाने के दावों की खिल्ली उड़ाते हुए डा. तंवर ने कहा कि विकास के दावे हवा में नहीं बल्कि धरातल पर आम आदमी पर असर पर दिखाई देते है। आज जब डीजल के दाम घट रहे हैं तो रेल भाड़े में भी कमी होनी चाहिए लेकिन सुविधाओं के नाम पर सरकार रेल यात्री की जेब काटने पर उतारू हो चली है।
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्र की वर्तमान सरकार की ओर से पेश किए गए बजट पर हैरान होते हुए कहा कि जब से हरियाणा का निर्माण हुआ है, हर बजट में बड़ा न सही छोटी-मोटी हिस्सेदारी राज्य को मिलती रही है लेकिन इस बार हिस्सेदारी के नाम पर अच्छे दिनों का झुनझुना प्रदेश के हिस्से आया है। रेल बजट में न तो भविष्य का रोड मैप दिखाई दे रहा है और न हीं आम आदमी का इस बजट से कोई सराबोर नजर आया। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौर में एक भी रेल मंत्री बजट में हरियाणा को अपने पिटारे से बिना सौगात दिए संसद में बैठा नहीं लेकिन एनडीए ने लगातार दूसरी बार हरियाणा के लोग को निराश किया है। भाजपा के हरियाणा से सात सांसद है, और लगातार यह दूसरी बार हुआ है जब मोदी सरकार की अच्छे दिन एक्सप्रेस हरियाणा से बिना रूके गुजर गई। सात सांसद मिलकर भी दूसरे बजट में सात परियोजनाए तो दूर की बात सात नई रेल हरियाणा को नहीं दिला सके। उन्होंने प्रदेशवासियों की ओर से बीजेपी के हरियाणा से चुने गए सभी सात लोकसभा सांसदों तथा विधानसभा के लिए चुने गए प्रतिनिधियों से अपने पार्टी प्लेटफार्म पर रेल मंत्री सुरेश प्रभु का मुखर विरोध करने तथा हरियाणा के हिस्से की राज्यसभा सीट छोडऩे की मांग उठाने के लिए सहयोग मांगा।

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