कितनी पढ़ी हैं स्मृति? कोर्ट में पहुंचा केस

smriti iraniदिल्ली की एक अदालत ने चुनाव आयोग में दायर हलफनामों में शैक्षिक योग्यता के बारे में कथित झूठी सूचना देने के मामले में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ दायर शिकायत पर अपना आदेश 24 जून के लिए सुरक्षित रख लिया। मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट आकाश जैन ने सीनियर वकील के के मनन द्वारा इस मुद्दे पर रखी गई दलीलों को सुना कि शिकायत पर संज्ञान लिया जाए या नहीं। मनन शिकायतकर्ता अहमेर खान की ओर से पेश हुए। सुनवाई के दौरान मनन ने अदालत को बताया कि ईरानी ने लोकसभा चुनाव और राज्यसभा चुनाव से पहले अपनी उम्मीदवारी के लिए नामांकन भरते समय आयोग में तीन हलफनामे दायर किए और अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में अलग-अलग ब्योरा दिया। ईरानी द्वारा दिए गए ब्योरे का हवाला देते हुए मनन ने कहा कि अप्रैल 2004 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कहा था कि उन्होंने 1996 में दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्राचार से बीए किया, जबकि गुजरात से राज्यसभा का चुनाव लड़ने के लिए 11 जुलाई 2011 के दूसरे हलफनामे में उन्होंने अपनी शैक्षिक बी कॉम पार्ट-1 बताई।
सीनियर वकील ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश के अमेठी से 16 अप्रैल 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए दाखिल हलफनामे में ईरानी ने कहा था कि उन्होंने बी. कॉम पार्ट-1 स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग, दिल्ली विश्वविद्यालय से पूरा किया है। मनन ने कहा, ‘उन्होंने बीए पार्ट 1, 2 या 3, कब किया, केवल भगवान जानता है। सवाल यह है कि समाज मंत्री पद धारक व्यक्ति से क्या चाहता है।’
वकील ने यह भी कहा कि मुद्दा तब उभरा जब अमेठी से ईरानी और राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी ने ईरानी की शैक्षिक योग्यता के बारे में सवाल उठाया। दलीलें सुनने के बाद मैजिस्ट्रेट ने कहा, ‘दलीलें इस बिंदु पर सुनी गईं कि इस मामले में संज्ञान लिया जाए या नहीं। मामले को 24 जून के लिए सूचीबद्ध कीजिए।’

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