डीन ने मौत से पहले SIT को सौंपे थे 200 दस्तावेज

vyapamमध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले की जांच कर रहे जबलपुर स्थित मेडिकल कॉलेज के डीन डॉक्टर अरुण शर्मा की दिल्ली के एक होटेल में रहस्यमयी मौत में एक और नई बात सामने आई है। शर्मा ने कुछ दिन पहले ही एसटीएफ को व्यापम घोटाले के बारे में 200 से ज्यादा जानकारियां सौंपी थीं। आईएमए जबलपुर के अध्यक्ष सुधीर तिवारी और कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने यह दावा किया है।
भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) के जबलपुर जिले के अध्यक्ष सुधीर तिवारी ने यह दावा किया है। उन्होंने कहा, ‘मुझे संदेह है कि शर्मा की भी हत्या की गई होगी।’ तिवारी ने कहा कि उन्हें दो दिन पहले पता चला था कि डीन ने व्यापम से संबंधित रिपोर्ट मामले की जांच कर रही एसटीएफ को सौंप दी।
तिवारी ने कहा कि एसटीएफ को यह बात स्वीकार करनी चाहिए। तिवारी से जब पूछा गया कि उन्हें यह जानकारी कहां से मिली, तो उन्होंने यह कहते हुए स्रोत का नाम बताने से इनकार कर दिया कि उसकी जान को खतरा हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘हम सबकी जान को खतरा है। मैं आईजी से मिलने के लिए सुबह से घूम रहा हूं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।’ उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों को इसकी जांच करनी चाहिए और सच को सामने लाना चाहिए।
शनिवार को एक न्यूज चैनल के खोजी पत्रकार अक्षय सिंह की मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में मौत हो गई थी। वह नम्रता दामोर के माता-पिता का साक्षात्कार लेने पहुंचे थे। नम्रता का शव सात जनवरी, 2012 को रेल की पटरी के निकट पाया गया था।
कांग्रेस ने भी शर्मा की हत्या को संदिग्ध करार दिया है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी कहा है नेताजी सुभाष चंद्र मेडिकल कॉलेज के डीन डॉक्टर अरुण शर्मा ने व्यापम केस को लेकर 2 दिन पहले ही एसटीएफ को 200 पन्नों के डॉक्युमेंट्स सौंपे थे। उन्होंने ट्वीट किया, ‘जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉक्टर अरुण कुमार शर्मा दिल्ली के होटल में मृत पाए गए। उनके पिता एनके शर्मा मंत्री, सांसद और एमपीसीसी के अध्यक्ष थे।’
एक और ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘संयोग से इससे पहले के डीन डॉक्टर सकाले भी अपने आवास के लॉन में जली हुई अवस्था में मृत पाए गए थे।’ सिंह ने कहा, ‘वह (सकाले) व्यापम के जरिए मेडिकल कॉलेज में अनियमित दाखिलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहे थे। किसी सरकार ने नहीं कहा कि यह आत्महत्या का मामला है।’
मध्य प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए दिग्विजय ने कहा, ‘अगर विसरा सैंपल का टेस्ट मध्य प्रदेश या कहीं और होता है तो मुझे उसपर भरोसा नहीं है। इसे दिल्ली लाया जाना चाहिए और कैमरे के सामने सीनियर डॉक्टर द्वारा इसकी टेस्टिंग होनी चाहिए।
करीब एक पखवाडे पहले एसआईटी ने हाई कोर्ट में रिपोर्ट सौंपी थी जहां उसने कहा कि 23 आरोपियों और गवाहों की ‘असमान्य’ मौत हुई है। इसके बाद से दो और लोगों को रहस्यमयी परिस्थिति में हो गई थी। कुछ खबरों में कहा गया है कि 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

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