महारानी अवंतिबाई लोधी का 184वां जन्मदिवस दिवस मनाया

उनकी स्मृति में फेसबुक पेज लांच किया गया
veerangna avantibaai lodhi photoअखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी की तरफ से देह्तोरा की वीरांगना अवंतिबाई पार्क मैं 16 अगस्त 2015 दिन रविवार को वीरांगना महारानी अवंतिबाई लोधी के 184वें जन्मदिवस के अवसर पर वीरांगना महारानी अवंतिबाई लोधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये।
माल्यार्पण के बाद अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी कार्यालय पर अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी द्वारा वीरांगना महारानी अवंती बाई लोधी जी की स्मृति में उनके 184वें जन्म-दिवस पर फेसबुक पेज https://www.facebook.com/raniavantibai लांच किया गया। इसके बारे में ब्रह्मानंद राजपूत ने बताया कि इस पेज में लोग वीरांगना महारानी अवंतिबाई लोधी जी के जीवन से जुडी हुयी बातें जान सकेंगे।
इसके बाद अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी कार्यालय पर वीरांगना महारानी अवंतिबाई लोधी के जीवन इतिहास पर गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी के सम्पादक मानसिंह राजपूत एडवोकेट ने कहा कि रानी अवंती बाई का बलिदान देशवासियों को देशभक्ति और परमार्थ के लिये जीने की प्रेरणा देता रहेगा। रानी अवंतीबाई भारत की प्रथम स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली वीरांगना थी। रानी अवंतीबाई ने परतंत्र की बेडियो में जकडे रहने से अच्छा रणभूमि में आजादी की मौत मरना स्वीकार किया। उन्होंने अंग्रेजो के खिलाफ हथियार उठाकर अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए युद्ध किया। देश की आजादी के लिए प्राण देने वाली वीरांगना महारानी अवंतबाई का बलिदान सदैव याद रहेगा। उनके त्याग व बलिदान से सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए।
अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी के उपसंपादक ब्रह्मानंद राजपूत ने कहा कि भारतीय वसुंधरा को गौरवान्वित करने वाली वीरांगना महारानी अवंतिबाई लोधी वास्तविक अर्थ में आदर्श वीरांगना थीं। सच्चा वीर कभी आपत्तियों से नहीं घबराता है। प्रलोभन उसे कर्तव्य पालन से विमुख नहीं कर सकते। उसका लक्ष्य उदार और उच्च होता है। उसका चरित्र अनुकरणीय होता है। अपने पवित्र उद्देश्य की प्राप्ति के लिए वह सदैव आत्मविश्वासी, कर्तव्य परायण, स्वाभिमानी और धर्मनिष्ठ होता है। ऐसी ही थीं वीरांगना अवंतिबाई लोधी। महारानी वीरांगना अवंतीबाई ने देश को आजादी दिलाने के लिए अपने प्राणों की कुर्बानी दी थी। इसलिए आज उन्हें वीरांगना के नाम से जाना जाता है। वे लोधी समाज की गौरव हैं इसलिए हमें उनको इसी तरह याद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महारानी ने अपने राज्य तथा देश की रक्षा के लिए तलवार उठाई थी। उनके जीते जी कोई भी दुश्मन उनके राज्य की सीमा में प्रवेश नहीं कर पाया। यह लोधी समाज के लिए गौरव की बात है। हमें भी उन्हीं के आदर्शों पर चलकर देश तथा समाज की रक्षा करनी चाहिए। डायरेक्टरी के उपसंपादक ब्रह्मानंद राजपूत ने केन्द्र सरकार से संसद भवन में वीरांगना महारानी अवंतिबाई लोधी की प्रतिमा लगाने की मांग की।
इसके साथ ही ब्रज लेजर के डायरेक्टर पवन लोधी ने कहा की वीरांगना अवंतीबाई ने अंग्रेजी हुकूमत से लोहा लिया था। एक महिला होने के बाद भी उन्होंने संघर्ष के मामले में पुरुषों को पीछे छोड़ दिया। जिस समाज में उनकी जैसी महिला ने जन्म लिया हो तो भला वह समाज पीछे कैसे रह सकता है। बस उनके बताए रास्ते पर चलने की जरूरत है।
वीरांगना महारानी अवंतिबाई लोधी के 184वें जन्मदिवस पर मुख्य और सामूहिक रुप से अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी द्वारा केन्द्र सरकार से संसद भवन में वीरांगना महारानी अवंतिबाई लोधी की प्रतिमा लगाने की और अखिलेश सरकार से दहतोरा शास्त्रीपुरम स्थित शास्त्रीपुरम फेस टू गोल चौराहे का नाम वीरांगना अवंतीबाई लोधी चौक करने की मांग की गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता अरब सिंह बॉस ने की और संचालन ब्रह्मानंद राजपूत ने किया हरिप्रसाद राजपूत, प्रभावसिंह, दुष्यंत लोधी, मोरध्वज लोधी, दीपक लोधी, विष्णु लोधी, लोकेन्द्र लोधी, नीतेश राजपूत, मुकेश, दिनेश, भूरीसिंह, जीतेन्द्र लोधी, राजवीर सिंह, सहित समाज के प्रमुख गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे और महिलाओं की भी भागीदारी रही।

error: Content is protected !!