किरावली में मनायी गयी वीरांगना अवंतिबाई लोधी की 184वीं जयंती

veerangna avantibaai lodhi photoआगरा। वीरांगना अवंतिबाई लोधी सेना की तरफ से किरावली में वीरांगना महारानी अवंतिबाई लोधी के 184वंे जन्मदिवस के अवसर पर वीरांगना महारानी अवंतिबाई लोधी की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये।
इस अवसर पवन राजपूत ने कहा की वीरांगना अवंतीबाई ने अंग्रेजी हुकूमत से लोहा लिया था। एक महिला होने के बाद भी उन्होंने संघर्ष के मामले में पुरुषों को पीछे छोड़ दिया। जिस समाज में उनकी जैसी महिला ने जन्म लिया हो तो भला वह समाज पीछे कैसे रह सकता है। बस उनके बताए रास्ते पर चलने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने वीरांगना रानी अवंती बाई को केवल लोधी समाज और मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र की प्रेरणा-स्त्रोत बताया।
इस दौरान राकेश राजपूत ने कहा कि 1857मै लोधी समाज की एक वीरांगना ने अग्रेजी साम्राज्य की चूले हिला दी थी आज उसी लोधी समाज की महिलाओं की सिस्ताठी को देखकर दुःख होता है। वो 19वी सदी थी जब वीरांगना अवंतिबाई लोधी ने युध्द लडा था आज 21वी सदी है किस समय महिलाओं को अधिक अधिकार दिए होंगे ये समाज के लिए सोचने वाली बात है। आज जरूरत है लोधी समाज की लोह महिलाओं के सशक्तिकरण की और शिक्षा के संचार की जिससे की लोधी समाज की महिलाए राष्ट्रीय और विश्व पटल पर अधिक से अधिक हर क्षेत्र मैं अपनी उपस्थिति दर्ज करा सके। रानी अवंतीबाई देश को मुक्ति दिलाने के संग्राम की ऐसी शहीद हैं जिन्हें आजादी के बाद उतना महत्व नहीं मिला जितना मिलना चाहिये था। आप इसे पिछडे वर्ग के खिलाफ इतिहीसकारों की साजिश कह सकते हैं। वीरांगना अवंतिबाई लोधी का योगदान भी उतना ही है जितना १८५७ के स्वतंत्रता संग्राम मैं वीरांगना झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई का था।
इस अवसर पर पवन राजपूत, राकेश राजपूत, विजय लोधी, उदय राजपूत, भूपेंद्र लोधी, डालचंद लोधी, सोमवीर सिंह, राधाकृष्ण लोधी, राहुल राजपूत सहित बड़ी संख्या मैं लोग मौजूद रहे।

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