पिता के घर बिना बुलाये जाने पर धर्मपत्नी का अपमान होता है – पाठक

aasनौगॉव। स्थानीय डाकखाना चौहारा पर सप्ताहिक ज्ञान गंगा भागवत कथा का आयोजन नगर के सरार्फा व्यापारी श्री आषीष गुप्ता ने आयोजित की है जो 14 नवम्बर से 21 नम्बवर 2015 तक चलेगी । कथा के दूसरे दिन कथा व्यास पंडित श्री रामकृपाल पाठक ने भारतीय संस्कृति में महिलाओं के सत्य व त्याग की कथा सुनाते हुए कहा कि भारत की नारी पूज्यनीय है, जहां नारी का सम्मान होता है वहॉ देवता वास करते हे लेकिन साथ ही उन्होने कहा कि जब महिलाये अपन धर्म व पति सेवा त्याग कर अपना कार्य करती है तो उन्हे जगह-जगह अपमान सहना होता है ।
पंडित श्री राम कृपाल जी पाठक ने कहा कि भगवान षिव व सती की कथा को यदि नर-नारी की समझ में आ जावे तो जीवन उच्च तरह से निर्वाहन हो सकता है लेकिन जब पति की बातों पर पत्नि को विष्वास नही होता है तो उसका पतन -अंत हो जाता है, उन्होने कहा कि राजा दक्ष की बेटी सती भले ही ज्ञान वान थी लेकिन जब उन्हे मोह हो गया या माया से ग्रस्त हो गई तो वह अपने पिता के घर बिना बुलाये चली गई जिससे उन्हे अपमान का सामना करना पड़ा अंत में प्राण त्याग दिए । इसी प्रकार यदि पुरूष जब काम के बस में हो जाता है तो वह अपनी षक्ति व विवेक धर्म को नष्ट कर देता है, रावण पंडित व विव्दान होते हुए भी वह पर नारी के स्वरूप व मोह के कारण कुत्ता की तरह चोर बनकर माता जानकी का अपहरण करता है और उसका परिणाम परिवार की हानि नष्ट से हेाता है । इसलिए प्रत्येक नारी को अपने स्वभाव व सम्मान के साथ साथ चरित्र. की रक्षा करना चाहिए । सत्य व धर्म के कारण आज पृथ्वी पर नारी का सम्मान होता आ रहा है ।
Santosh Gangele

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