शहडोल विजय के लिये रणनीति,भाजपा ने कमर कसी

मंत्रियों सहित पांच दर्जन दिग्गजों का रहेगा शहडोल में डेरा
डा.एल.एन.वैष्णव
भोपाल/विजयश्री का वरण करने के लिये चुनावी रणक्षेत्र में राजनैतिक दल अपनी योजना को अंतिम रूप देने में लगे हुये हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के लिये यह एक चुनौति बनी हुई है। ज्ञात हो कि राज्य की शहडोल लोकसभा के रिक्त हुये प्रतिनिधि के स्थान को भरने के लिये उप चुनाव होने जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी संगठन अपनी पूरी शक्ति के साथ रणनीति पर कार्य कर रही है तो वहीं प्रदेश सरकार का भी यही प्रयास है। ज्ञात हो कि प्रदेश के ही रतलाम एवं झाबूआ के परिणामों को लेकर भाजपा किसी तरह का जौखिम नहीं उठाना चाहती वह हर हाल में यह चुनाव अपने पक्ष में चाहती है। वहीं कांग्रेस भी उक्त दोनो परिणामों की तरह यह चुनाव को अपने पक्ष में करने की पूरजोर कोशिश में लगी हुई है।
भाजपा की फौज मैदान में-
प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी ने उक्त सीट पर विजय के लिये जिस अभियान की शुरूआत की है । उसके तहत उसने उपर से लेकर निचले स्तर तक किले बंदी करना प्रारंभ पूर्व से कर दिया था। सूत्र बतलाते हैं कि संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों,मंत्रियों सहित पांच दर्जन के लगभग संख्या है। जिनके कंधों पर भाजपा के पक्ष में मतदाता को मत देने के लिये मानस तैयार करना है। सूत्रों की माने तो संघ,भाजपा एवं सरकार सभी सर्वे पार्टी को चिंतित करने की ओर ईशारा कर रहे हैं। भाजपा किसी भी स्थिति में यह उप चुनाव अपने पक्ष में चाहती है। जानकार बतलाते हैं कि शहडोल उप चुनाव भाजपा के लिये दूरगामी परिणाम साबित होंगे।

डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव
डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव
भाजपा संगठन ने सीट पर जीत प्राप्त करने हेतु मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार, केंद्रीय मंत्री व संगठन महामंत्री के अलावा सात मंत्रियों सहित 57 सदस्यीय चुनाव संचालन समिति का गठन किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार समिति मंत्री ज्ञान सिंह के नीचे काम करेगी। स्ूात्र बतलाते हैं कि समिति के अनेक सदस्यों ने से इस क्षेत्र मेंडेरा डाल लिया है। वहीं नेपानगर (खंडवा) विधानसभा सीट की जिम्मेदारी ग्वालियर-चंबल के संगठन मंत्री शैलेंद्र बरुआ को सौंपी गयी है।प्रदेश सरकार ने इसी रणनीति के तहत हालांकि आचार संहिता लगने से पूर्व ही पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने सैकड़ों करोड़ की बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर दी हैं।
चुनाव संचालन समिति-
प्राप्त जानकारी के अनुसार चुनाव संचालन समिति में पांच विधायक, चार जिलाध्यक्ष, छह पूर्व विधायक, आठ महामंत्री को रखा गया है । सूत्र बतलाते हैं कि स्थानीय विधायक व आदिम जाति कल्याण मंत्री ज्ञान सिंह के नेतृत्व में यह टीम काम करेगी। वहीं प्रदेश महामंत्री अजय प्रताप सिंह पहले से ही शहडोल में डेरा डाले हुये हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेशाध्यक्ष की व्यवस्था के अनुसार ज्ञान सिंह सहित सात मंत्री शहडोल संसदीय सीट की आठों विधानसभाओं में अलग-अलग काम सौंपा गया है। भूपेंद्र सिंह, जयभान सिंह पवैया, विश्वास सारंग, संजय पाठक, लालसिंह आर्य और ललिता यादव के नाम बतलाये जाते हैं।
असमंजस, कौन होगा प्रत्यासी-
उक्त उप चुनाव को लेेकर प्रत्यासी को लेकर बनी हुई असमंजस की स्थिति बडे सवालों को खडा कर रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी एव्ंा प्रदेश सरकार ने दो सर्वे कराए हैं। सूत्रों की माने तो कांटे की टक्कर की स्थिति निर्मित फिलहाल बनी हुई है। पार्टी के सूत्रों की माने या फिर नामों को लेकर चल रहे कयासों में जय सिंह, ज्ञान सिंह, नरेंद्र मरावी के नाम सामने आ रहे है। ज्ञान सिंह के नाम या फिर नेपा नगर के पूर्व विधायक स्व.राजेंद्र श्यामलाल दादू दोनो बेटियों मंजू तथा पूजा में से किसी एक को प्रत्यासी बनाने की बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता ।

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